CHANDIGARH. अकाल तख्त की तरफ से तलवंडी साबो में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तख्त श्री दमदमा साहिब में 7 अप्रैल, शुक्रवार को एक विशेष बैठक बुलाई। बैठक खत्म होने के बाद सिंह ने कौम के नाम संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह को सरेंडर करना चाहिए। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि दहशत जैसा माहौल न पैदा करें। ऐसा माहौल पैदा करने से पंजाब या पंजाबियों की नहीं बल्कि पंजाब सरकार की छवि खराब हो रही है। सिख राज का झंडा था, उसे खालिस्तानी बताकर बदनाम करने की साजिश की गई। दमदमा साहिब में लाखों की गिनती में श्रद्धालु पहुंचे थे, फिर भी पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इससे माहौल भयानक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह निंदनीय है।
पंजाब की आवाज दबाना संभव नहीं है
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने डेमोक्रेसी के चार पिलर में से एक प्रेस है। अकेले प्रेस ही नहीं, न्यायपालिका को भी छोटा किया जा रहा है। सरकार को पता होना चाहिए कि अगर चार पिलर छोटे किए तो बचना खुद भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें पंजाब की आवाज को दबाने की कोशिश करती हैं, जो संभव नहीं है। पंजाब और हरियाणा के लोगों को जितना दबाया जाएगा, वे उतना ही उभर कर आएंगे। अगर 75 सालों की बात करें तो सरकार ने पंजाब के साथ 75 वादे किए, लेकिन कोई पूरा नहीं किया।
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मीडिया सरकार की आलोचना करे
अकाल तख्त जत्थेदार ने मीडिया को सरकार को समय-समय पर आलोचना करने को भी कहा, जिससे सरकार को पता चल सके कि मीडिया लोगों की आवाज है। वहीं उन्होंने एंटी सिख ड्राइव को तोड़ने के लिए पंजाब फोबिया ग्रुप बनाने को कहा, जिस पर सच दिखाया जाए।
बैठक से पहले अमृतपाल के सरेंडर करने की चर्चा थी
ज्ञानी हरप्रीत सिंह की बैठक से पहले ऐसी चर्चा चली थी कि 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह बठिंडा के तलवंडी साबो में सरेंडर कर सकता है। अमृतपाल पिछले 21 दिनों से फरार है। सरेंडर की अटकलों के बीच पंजाब पुलिस ने तलवंडी साबो में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की। उधर, पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल ने खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाला की तरह दिखने के लिए जार्जिया में प्लास्टिक सर्जरी कराई थी।