ALLAHABAD. ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर रोक की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट गए मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ किया कि किसी भी स्तर पर एसआई का सर्वे किया जा सकता है। इससे इमारत के मूल स्ट्रक्चर में कोई छेड़छाड़ होने का खतरा नहीं है। इसी के साथ ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे का रास्ता खुल गया है और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का आदेश भी प्रभावी हो गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़े तो ASI खुदाई भी कर सकता है, लेकिन इमारत के मूल स्ट्रक्चर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाए। कोर्ट के इस फैसले से हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है।
मुस्लिम पक्ष गया था हाईकोर्ट
बता दें कि ज्ञानवापी परिषद में हिंदू मंदिर के अवशेष की बात पर वाराणसी के जिला सत्र न्यायालय ने एएसआई सर्वे कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि ज्ञानवापी परिसर को किसी भी तरह का नुकसान हुए बिना यह सर्वे किया जाना चाहिए। जिस पर एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी परिसर में अपना सर्विस शुरू किया था, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर मुस्लिम पक्ष का तर्क था कि उनको समय नहीं मिला, इसलिए उनका मामला प्राथमिकता के आधार पर सुना जाना चाहिए। मुस्लिम पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी और अपना फैसला 3 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया था। आज दिए फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि एएसआई का सर्वे ज्ञानवापी परिसर में जारी रह सकता है।
आगे क्या
अब एएसआई जल्द से जल्द सर्वे शुरू करने की तैयारी में है। एएसआई की टीम पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच मौजूद हैं, वहीं मुस्लिम पक्ष के पास इस सर्वे को रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि मुस्लिम पक्ष आज ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका लगाएगा।