Prayagraj. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई द्वारा सर्वे में इलाहाबाद हाई कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। दोपहर 3.30 बजे मामले में फिर से सुनवाई होनी है। अदालत ने एएसआई के अधिकारी को भी अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। कल की सुनवाई में एएसआई ने अदालत में शपथ पत्र पेश किया था जिसमें यह उल्लेख था कि जांच से ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष एएसआई के सर्वे का विरोध कर रहा है एसएफए नकवी ने कहा कि कानून प्री-मेच्योर स्टेज पर एएसआई सर्वे की इजाजत नहीं देता। उधर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील पुनीत गुप्ता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि अदालत साक्ष्य बनाने की अनुमति नहीं दे सकती।
अदालत ने एएसआई से किए सवाल
सुनवाई के दौरान एएसआई से अदालत ने सवाल किए कि आपकी जांच का तरीका क्या है, डेटिंग एक्सरसाइज क्या है। अदालत ने पूछा कि सर्वे से स्ट्रक्चर को नुकसान कैसे नहीं होगा? इसके अलावा हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन से भी अदालत ने सवाल किया कि क्या आप एएसआई की मदद से बता सकते हैं कि आप क्या करने जा रहे हैं? अदालत ने यह भी पूछा कि सर्वे में खुदाई नहीं होगी तो क्या होगा बताइए? जिस पर एएसजीआई ने बताया कि सर्वे में तकनीक का इस्तेमाल होगा, जीपीआर और रडार से जांच की जाएगी।
यह है मामला
दरअसल वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी के सर्वे की इजाजत दे दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई शाम 5 बजे तक की रोक लगा दी। इस आदेश के बाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने रिट पिटीशन दाखिल की है। याचिका पर चीफ जस्टिस पीतिंकर दिवाकर सुनवाई कर रहे हैं। इस मामले में हिंदू पक्ष ने भी कैविएट दाखिल करते हुए यह आवेदन दिया कि बगैर उनका पक्ष सुने अदालत कोई फैसला न दे। बता दें कि जिला अदालत के फैसले के बाद एएसआई ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी का सर्वे शुरु कर दिया था जो केवल 3 घंटे ही चल पाया था।