NEW DELHI. हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूर्व सांसद और दलित नेता अशोक तंवर (Ashok Tanwar) बीजेपी को छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। गुरुवार को महेंद्रगढ़ में चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में अशोक तंवर कांग्रेस में वापसी की। इस दौरान तंवर ने राहुल गांधी से हाथ मिलाया और हुड्डा का अभिवादन किया। इसके बाद उनका पार्टी में स्वागत किया गया। हैरानी की बात ये है कि अशोक तंवर गुरुवार को जींद के सफीदों में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे, इसके कुछ घंटे बाद वह महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी से मिलने पहुंचे थे।
राहुल गांधी से संपर्क में थे तंवर!
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक अशोक तंवर कांग्रेस नेतृत्व खासकर राहुल गांधी के संपर्क में थे। हरियाणा कांग्रेस को इसको लेकर पता नहीं था। उन्होंने कांग्रेस में वापसी के लिए राहुल गांधी से सीधा संपर्क किया था।
अशोक तंवर की घर कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा शोषितों और वंचितों के लिए आवाज उठाई है। हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर पूर्व सांसद, बीजेपी कैंपन समिति के सदस्य और स्टार प्रचारक अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए।
सबसे रोचक बात यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से बीजेपी की टिकट पर अशोक तंवर ने बीजेपी कांग्रेस की कुमारी शैलजा के खिलाफ से चुनाव लड़ा था। कुमारी सैलजा ने तंवर को 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से हराया था। माना जा रहा है कि अशोक तंवर की घर वापसी को लेकर कुमारी शैलजा से सहमति ली गई होगी।
अशोक तंवर का राजनीतिक सफर
अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 2019 में हुड्डा से मतभेद के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 2019 में कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपना भारत मोर्चा नाम की पार्टी भी बनाई थी। इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए थे। वह अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी में भी रहे। इस साल लोकसभा चुनाव के पहले जनवरी को बीजेपी में शामिल हुए थे। इस तरह उन्होंने 5 साल में 4 पार्टियां बदलीं। बीजेपी के शामिल होते ही तंवर ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की थी।
राहुल गांधी के खास नेताओं में शामिल रहे हैं अशोक तंवर
अशोक तंवर तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। एक समय वह राहुल गांधी के सबसे खास नेताओं में शामिल थे। राहुल गांधी ने ही 2014 में उन्हें हरियाणा पीपीसी चीफ नियुक्त किया था। इससे पहले वह कांग्रेस में कई बड़े पदों भी रह चुके हैं। अब कांग्रेस ने तंवर को पार्टी की घर वापसी कराकर दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। एससी वर्ग से आने वाले अशोक तंवर का जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उनका 9 विधानसभा सीटों पर असर है। इन सीटों पर अनुसूचित जाति के बड़ी संख्या में वोटर हैं।
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