NEW DELHI. दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज गौरांग कंठ ने पालतू कुत्ते की मौत पर नाराजगी जताते हुए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बंगले पर तैनात कुछ पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के चलते उनके पालतू कुत्ते की मौत हुई है। दिल्ली पुलिस को लिखा गया पत्र वायरल हो रहा है। ये पत्र उन्होंने दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी 'सुरक्षा' मंगेश कश्यप को लिखा था। इस पत्र की कॉपी सीआरपीएफ डीजी डॉ. एसएल थाउसेन और आईजी 'प्रशासन' राजेश कुमार को भेजी गई है। फिलहाल दिल्ली HC के पूर्व जज गौरांग कंठ का कलकत्ता HC में तबादला हो गया हैं।
'लापरवाही की वजह से मर गया पालतू कुत्ता
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज गौरांग कंठ ने उन पुलिसकर्मियों पर पुलिस कार्रवाई करने की मांग की है जो आपात स्थिति में उनके बंगले का दरवाजा खोलने में फेल रहे। जस्टिस गौरांग कंठ का कहना था कि उनके आवास पर जो सुरक्षा कर्मी हैं, वे अपना काम ठीक से नहीं करते। लापरवाह सुरक्षा कर्मियों के चलते उन्हें अपने पालतू कुत्ते से हाथ धोना पड़ा है। इस मामले में तुरंत प्रभाव और बारीकी से जांच शुरू की जाए। और लापरवाह सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया जाए।
सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट ट्रांसफर किए गए जस्टिस गौरांग कंठ ने ये पत्र 12 जून को लिखा गया था। उन्होंने ज्वाइंट सीपी को लिखे अपने पत्र में लिखा, 'मैं इस पत्र को बहुत दुखी और क्रोधित मन से लिख रहा हूं, मेरे बंगले की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की अयोग्यता की वजह से मेरा पालतू कुत्ता गुम गया। मैं बंगले पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों को लगातार बताता रहा कि दरवाजे को लॉक रखें, लेकिन वो मेरे दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते रहे और अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे, ड्यूटी को लेकर इस तरह की अयोग्यता और अनदेखी पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, इस तरह तो मेरे जीवन को भी खतरा हो सकता है, सुरक्षाकर्मियों की इस तरह की लापरवाही से मेरे घर पर कोई और इंसीडेंट हो सकता है, मैं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करें। जस्टिस कंठ ने संयुक्त पुलिस कमिश्नर से इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट तीन कार्य दिवसों के भीतर देने के कहा है.
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प्रोटोकॉल की सुविधा विशेषाधिकार नहीं: CJI
जज गौरांग कंठ का ये पत्र CJI डीवाई चंद्रचूड़ के हालिया बयान के बाद सामने आया है। CJI ने बीते दिनों ने सभी जजों को कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत मिलने वाली सुविधा विशेषाधिकार नहीं है। उन्होंने कहा था सुविधाओं का इस्तेमाल करें किसी को तकलीफ न दें।