BHOPAL/ NEW DELHI. मॉनसूनी सीजन में इस बार देश के कई राज्यों में बारिश से बहुत तबाही हुई है। कुछ प्रदेशों में अति भारी बारिश हुई है। राजधानी दिल्ली से लेकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तबाही झेल रहे हैं। इसके चलते जनहानि समेत बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ का चूना लगा है। वहीं एमपी भी बारिश का दौर जारी है। यहां के सागर में पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 6 इंच बारिश दर्ज की गई। सागर में बाढ़ जैसे हालात हैं। बड़वानी में नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर चल रही है।
हिमाचल में बारिश से 8000 करोड़ का नुकसान
इस साल की बारिश में सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल प्रदेश में हुआ है। हिमाचल में कई स्थानों पर बारिश से बहुत तबाही मची है। बेतहाशा बारिश से कई नदियों ने रौद्र रूप धर लिया है। बांध, पुल, सैकड़ों घर-बाजार और गाड़ियां इस पानी का शिकार हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अनुसार पिछले कुछ सप्ताह से हो रही भारी बारिश से राज्य को करीब 8000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इससे पहले शुक्रवार (14 जुलाई) को हिमाचल सरकार ने करीब 4000 करोड़ रुपए के नुकसान की बात बताई थी। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में राज्य सरकार के राजस्व विभाग के हवाले से बताया गया था बाढ़ और बारिश में राज्य को 3,738.28 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य में हुई तबाही की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं। उधर, केंद्र सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में दूसरी किस्त को एडवांस में रिलीज कर दिया है। इसके तहत केंद्र ने 180.40 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
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हिमाचल में खतरा अभी टला नहीं
अलग-अलग अनुमान के अनुसार इस सीजन में प्राकृतिक तबाही से सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल प्रदेश को हुआ है। हालांकि अभी मौसम का यह रुख और खतरा टला भी नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिन भारी बारिश के अनुमान हैं। विभाग के अनुसार, प्रदेश में 18 जुलाई तक भारी बारिश होने की आशंका है।
यूपी में भारी बारिश की संभावना, एमपी में भी होगी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान यूपी में अति भारी बारिश होने की संभावना है। अगले तीन दिन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के अलग-अलग हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने तथा बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
सागर में बाढ़ जैसे हालात, बड़वानी में नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर
सागर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। यहां दो दिन में 6.51 इंच बारिश रिकॉर्ड हुई। 5.59 इंच पानी तो एक दिन में गिर गया। शहर की कई कॉलोनियों में पानी भर गया। सड़कें तालाब की शक्ल में नजर आईं। टीकमगढ़ में भी शनिवार (15 जुलाई) दोपहर तक ढाई इंच से ज्यादा पानी बरसा। बड़वानी में राजघाट स्थित पुराने पुल से नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। यह पुल 127.50 मीटर पानी आने पर डूबता है। रायसेन के बेगमगंज में बीना नदी के उफान पर आने से ढाडिया-हरदौट रोड बंद हो गया। करीब 6 गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया। जबलपुर जिले में 9 घंटे में ही 3 इंच पानी गिर गया। मंदसौर में शिवना नदी भी अपने जलस्तर से ऊपर बह रही है। टीकमगढ़ में धसान नदी पर बने बान-सुजारा बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। बेतवा का भी जलस्तर बढ़ गया है।
एमपी के आज 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मध्यप्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से यानी 31 जिलों में रविवार (16 जुलाई) को मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विदिशा, रायसेन, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, डिंडोरी और सिवनी में आकाशीय बिजली भी गिर सकती है जबकि भोपाल, उज्जैन, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, शहडोल संभाग के कुछ जिलों में तेज बारिश का दौर चलेगा। इंदौर-उज्जैन में हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में अभी 3 सिस्टम एक्टिव हैं। इस कारण अधिकतर जिलों में बारिश हो रही है।