कौन है हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन, क्या कल्पना बनेगी झारखंड की सीएम, राबड़ी से क्यों हो रही है तुलना

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Pooja Kumari
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कौन है हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन, क्या कल्पना बनेगी झारखंड की सीएम, राबड़ी से क्यों हो रही है तुलना

BHOPAL. 30 जनवरी दोपहर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के लापता होने की खबर चल रही थी। तभी 31 घंटे बाद हेमंत रांची आए। इसके बाद उन्होंने दो बैठकें की। शाम को सीएम हाउस में हेमंत ने महागठबंधन (JMM, कांग्रेस और RJD) के विधायकों के साथ भी बैठकें की। बता दें कि इस बैठक के बाद से ही हेमंत के पत्नी, कल्पना सोरेन को गद्दी सौंपने की चर्चा तेज होने लगी।

कौन है कल्पना?

बता दें कि ओडिशा के मयूरभंज जिले में रहने वाले आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन अम्पा मुर्मू (कल्पना के पिता) बताते हैं, ‘मैं उन दिनों पंजाब के कपूरथला में पोस्टेड था। कल्पना का जन्म भी वहीं 3 मार्च 1985 को हुआ। वो केंद्रीय विद्यालय में पढ़ी है। कल्पना बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी और से ही हमेशा क्लास में टॉप थ्री में उसका नाम होता था।’ लेकिन स्कूल के दिनों में कल्पना को पढ़ाई के अलावा हॉकी खेलने का भी शौक था। पिता के तबादले के साथ कल्पना के स्कूल भी बदलते रहे। कुछ स्कूलों में हॉकी नहीं था, इसलिए ये गेम छूट गया और वो आगे हॉकी नहीं खेल पाईं।

स्टेट प्री इंजीनियरिंग टेस्ट में कल्पना ने किया था टॉप

12वीं करने के बाद कल्पना ने ठाना था कि उन्हें इंजीनियरिंग करना है। उस समय स्टेट प्री इंजीनियरिंग टेस्ट हुआ करता था। कल्पना पर जैसे इस टेस्ट को क्रैक करने की धुन सवार थी। वह खूब पढ़ाई करती थीं। जब इंजीनियरिंग का नतीजा आया तो हम सब दंग रह गए। वह स्टेट में 13वीं रैंक लाई थी और ST कैटेगरी में टॉप किया था। हम जानते थे कि पास हो जाएगी, लेकिन टॉप करेगी, ऐसी उम्मीद नहीं थी। इसके बाद कल्पना ने किस्ट वुमन कॉलेज से इंजीनियरिंग की, जो कि वर्तमान में बंद हो चुका है। अप्रैल 2023 में ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज में आयोजित समारोह के चीफ गेस्ट के तौर पर कल्पना ने बताया था कि 2005 में हम इस इलाके में ट्रेनिंग के लिए आते थे। उस समय ये पूरा इलाका जंगल था। अकेले ऑटो पकड़ने में डर लगता था। तब हम ग्रुप में आते थे। ट्रेनिंग के दौरान यहां खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था। एक साइकिल वाला बड़ी हांडी में दही बड़ा बेचने आता था। उस समय यही हमारा ब्रेकफास्ट और लंच हुआ करता था।

ऐसे हुई थी कल्पना और हेमंत की शादी

कल्पना के पिता कैप्टन अम्पा मुर्मू बताते हैं कि हमारे बगल में एक अफसर रहते थे जो अस्पताल में नौकरी करते थे। हेमंत सोरेन की बड़ी बहन अंजली की शादी भी ओडिशा में हुई है। वह अफसर अंजली के रिश्ते में जेठ थे। उन्होंने कल्पना को देखा था। उन दिनों शिबू सोरेन छोटे बेटे की शादी करना चाहते थे और लड़की देख रहे थे। कल्पना को देखते ही शिबू सोरेन ने तय किया कि यही मेरे घर की बहू बनेगी। अफसर ने शिबू सोरेन को बताया कि मेरी नजर में एक लड़की है, वो हेमंत के लिए सही रहेगी। इस दौरान शिबू सोरेन का इसी इलाके में एक शादी समारोह में आना हुआ। उनके साथ हेमंत और बड़े बेटे दुर्गा भी थे। कैप्टन अम्पा मुर्मू परिवार सहित शादी में मौजूद थे। वहां कल्पना को देखा और पहली नजर में ही शिबू सोरेन ने उनको अपनी बहू के रूप में चुन लिया। हेमंत सोरेन और बाकी लोगों को भी लड़की पसंद आई। इसके बाद दोनों परिवार के बीच बात हुई और 7 फरवरी 2006 को कल्पना और हेमंत की शादी हुई।

कल्पना शादी से पहले नहीं जानती थीं खाना बनाना

बता दें कि मयूरभंज में ‘कलिंगा' न्यूज चैनल के ब्यूरो चीफ सत्यजीत सोम उस शादी में बतौर मेहमान गए थे। सत्यजीत बताते हैं कि वह इस इलाके की सबसे शानदार शादियों में से एक थी। सैकड़ों गाड़ियां बारात पहुंची थीं। ऐतिहासिक आतिशबाजी की गई थी, जिसके लिए दूसरे राज्यों से आतिशबाजी करने वालों को बुलाया गया था। उसके बाद यहां के लोगों ने आज तक ऐसी आतिशबाजी नहीं देखी। पारंपरिक संथाली रीति-रिवाज से हेमंत सोरेन कल्पना को अपनी दुल्हन के रूप में ले गए थे। पिता के आर्मी में रहने के कारण कल्पना के परिवार में एक तरह का खुलापन था। कैप्टन अम्पा अपनी दोनों बेटियों कल्पना और सरला को पढ़ाना चाहते थे। यही कारण था कि कल्पना किचन से दूर रहीं। वे केवल पेट भरने लायक दाल-चावल बनाना जानती थीं। शादी के बाद जब उन पर जिम्मेदारी आई तो उन्होंने खाना बनाना सीखा।

कल्पना ने शादी के बाद किया था MBA

शादी के बाद कल्पना रांची आ गईं। उन्होंने परिवार के सामने आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर की। कल्पना के ससुराल वाले भी उसके इस फैसले के साथ खड़े हुए। उसके बाद कल्पना ने परिवार की सहमति से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने बिजनेस में अपना हाथ आजमाया। इसी के साथ कल्पना रांची में एक पिले स्कूल भी चलाती थीं। 2022 में आरोप लगा था कि हेमंत सोरेन ने कल्पना की कंपनी को 11 एकड़ जमीन का आवंटन गलत तरीके से किया है। कल्पना हमेशा परिवार को और उसकी बॉन्डिंग को तरजीह देती हैं। उनके घर में आज भी नियम है कि डिनर सभी लोग साथ में करेंगे। अभी जब हेमंत सोरेन CM हैं, उन्हें भी अपनी ‘होम मिनिस्टर' के आदेश का पालन करना पड़ता है। अगर हेमंत सोरेन रांची में हैं तो वे डिनर घर पर परिवार के साथ ही करते हैं। एक इंटरव्यू में कल्पना ने खुद कहा था कि वे खाते समय राजनीति की बातें नहीं करती हैं। वे कहती हैं कि अगर घर में भी बाहर की बातें आएंगी तो परिवार और बच्चों का क्वालिटी टाइम नहीं बचेगा। डिनर ही एक ऐसा टाइम है जिस समय हम घर-परिवार की बातें कर पाते हैं, इसलिए ये स्पेस मैं राजनीति के साथ नहीं बांटती।

कल्पना की तुलना क्यों हो रही है राबड़ी से

कल्पना का कहना है कि मेरा राजनीति में कब आना मैं खुद तय नहीं करूंगी। ये मेरी पार्टी या सीएम सर तय करेंगे। एक बार एक पत्रकार ने कल्पना से पूछा था कि अगर आपको पार्टी कह दे कि कल आपको चुनाव लड़ना है तो क्या करेंगीं। इस पर कल्पना ने कहा कि मैं हर चीज के लिए तैयार हूं, लेकिन ये सब पार्टी के आदेश पर निर्भर करता है। कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चा के बाद से उनकी तुलना राबड़ी देवी से की जा रही है। बता दें की साल 1996 की बात है, जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उस समय लालू पर चारा घोटाले के आरोप थे, जिसकी जांच CBI कर रही थी। ऐसे में लालू यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी थी। उस समय उन्होंने राबड़ी देवी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बना दिया। राबड़ी देवी 1997 से 1999 के बीच बिहार की मुख्यमंत्री रहीं। ऐसे में अब जब हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं, तो कल्पना को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है। इसीलिए उनकी तुलना राबड़ी से हो रही है।

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