LEH. कारगिल युद्ध के नायक सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप 2 अप्रैल, रविवार को शहीद हो गए। नीमो बाजगो इलाके में उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मेजर त्सेवांग मुरोप सड़क हादसे में शहीद हो गए। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। सूबेदार मेजर बनने पर एक महीने पहले ही त्सेवांग मुरोप को उनके पिता प्राइड ऑफ लद्दाख कहलाने वाले अशोक चक्र विजेता नायब सूबेदार शीरिंग मोटुप ने पिपिंग सेरेमनी में रैंक लगाए थे। पदोन्नत होने के बाद सूबेदार मेजर लेह में लद्दाख रेजीमेंट ट्रेनिंग सेंटर में तैनात थे।
Kargil war hero Subedar Major Tsewang Murop, Vir Chakra lost his life in a road accident last night near Leh. pic.twitter.com/653DjBc1C4
— ANI (@ANI) April 2, 2023
रशिम बाली ने परिवार से की मुलाकात
सेना की 14 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल रशिम बाली ने वीर चक्र विजेता के निधन पर गहरा दुख जताया। रविवार को कोर कमांडर ने लेह से 52 किलोमीटर दूर नेय गांव में सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप के घर जाकर उनके पिता अशोक चक्र विजेता शीरिंग मुरोप व परिवार के अन्य सदस्यों को सांत्वना दी। वहीं त्सेवांग मुरोप के बलिदान होने से सेना की लद्दाख स्काउट्स में भी दुख की लहर है।
Fire and Fury Corps deeply regrets the sad demise of the Braveheart Sub Maj Tsewang Morup, Vir Chakra @adgpi @NorthernComd_IA https://t.co/fMxbVETVHP pic.twitter.com/Vj22Tkl45c
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) April 2, 2023
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पाकिस्तान को दिया था मुंहतोड़ जवाब
वह वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान जान हथेली पर लेकर करीब 19 हजार फीट की ऊंचाई पर त्सेवांग मुरोप पाकिस्तान सेना से लड़े थे। कारगिल युद्ध में बहादुरी के लिए वह अपनी बटालियन में मशहूर थे। उन्होंने कारगिल युद्ध में हुई इस लड़ाई के दौरान एक भारतीय चौकी पर धावा बोल इसे दुश्मन से आजाद करवा दिया था। उनकी बहादुरी से प्रेरणा लेकर कई लद्दाखी युवा सेना में शामिल हुए हैं।