Mathura. हे गोविंद, आप मेरे मन की बात जानते ही हो। बहुत परेशान हूं, समझ नहीं आ रहा। पापा परेशान कर रहे हैं। जानती हूं, शादी सही उम्र में हो जानी चाहिए, लेकिन मेरी इच्छा भी तो जरूरी है। आप जानते हैं, मेरी इच्छा को आपके अलावा कोई और पूरा नहीं कर सकता। मुझे अनिल और टीना अंबानी के बेटे अनमोल अंबानी से शादी करनी है। जानती हूं, यह असंभव है। लेकिन मुझे यकीन है, आपकी कृपा से यह संभव है। मैंने आपके एक करोड़ मंत्र जाप का संकल्प लिया है। सुना है, आप सबकी मनोकामना पूरी करते हो, अब आपको मेरी इच्छा भी पूरी करनी ही होगी। ठाकुर बांकेबिहारी को पत्र लिखकर सृष्टि नामक युवती ने अपना दर्द सामने रखा है।
गीता में कहा है... व्यक्ति जो बनना चाहता है, बन सकता है
मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी द्वारा ठाकुरजी के समक्ष पढ़े गए इस पत्र में सृष्टि लिखती है कि आपने गीता में कहा है व्यक्ति जो बनना चाहता है, बन सकता है। लेकिन, उसे निरंतर प्रयत्न और चिंतन करना होगा। चिंतन तो मैं आपके मंत्र जाप के जरिए कर रही हूं। आपसे केवल इतनी ही उम्मीद करती हूं कि इस जन्म में मेरी शादी अनमोल अंबानी से करा दो। हे गोविंद, मैं कुछ गलत के लिए कह नहीं रही हूं। भगवान तो सबका भाग्य लिखते हैं, मैं तो अपने जीवन में अनमोल अंबानी का नाम लिखने की ही आपसे कह रही हूं। मेरे ऊपर कृपा करो।
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इस तरह मिला पत्र
ठाकुर बांकेबिहारी के भक्त अपनी बात ठाकुरजी से कहने के लिए पत्र भेजते रहते हैं। मंदिर कार्यालय में डाक से आने वाले इन पत्रों को मंदिर सेवाधिकारी को सौंप दिया जाता है। हालांकि युवती ने अपना पता नहीं लिखा है।
कहीं युवती दिमागी बीमार तो नहीं!
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि हिस्ट्रियोनिक पर्सनालिटी डिसआर्डर से पीड़ित मरीज ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा करते हैं। वे कुछ ऐसा करते हैं जिससे लोगों के बीच में चर्चा का विषय बन जाएं। इससे पीड़ित मरीज खुद को सर्वश्रेष्ठ समझने लगते हैं, अपनी तुलना भी श्रेष्ठ लोगों से करते हैं।