NEW DELHI. हिमाचल प्रदेश में 56 साल पहले वायुसेना के विमान हादसे में शहीद 4 जवानों के अवशेष बरामद किए गए हैं। शहीदों के अवशेष रोहतांग दर्रे में खोजे गए। अवशेषों को सेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू दल की एक ज्वाइंट टीम ने बरामद किया। 4 में से 3 शहीद जवानों की पहचान हो चुकी है।
1968 में क्रैश हुआ था एयरक्राफ्ट
बता दें कि 1968 में हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे पर भारतीय वायुसेना का एंटोनोव-12 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ था। इस दुर्घटना का कारण मौसम खराब होना बताया गया था। इस बाद से जवानों के शवों की खोज के लिए सबसे लंबा सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
लापता हो गए थे 102 लोग
भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट ने 7 फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी। इस एयरक्राफ्ट में पायलट और क्रू मेंबर समेत 102 लोग सवार हुए थे। रास्ते में मौसम के खराब होने के बाद पायलट ने विमान को वापस ले जाने का फैसला लिया। लेकिन रोहतांग दर्रे के पास विमान का रेडियो संपर्क टूट गया। इसके बाद एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हुआ था। लेकिन इसका मलबा नहीं मिला था। इसमें सवार 102 लोगों को लापता घोषित किया गया। इसके बाद सालों तक विमान का मलबा और शव के अवशेष बर्फ में दबे रहे। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने साल 2003 में इस विमान के मलबे को ढूंढ निकाला। इस दौरान पर्वतारोहियों को एक शव के अवशेष मिले थे। जिसकी पहचान सिपाही बेली राम के रूप में की गई थी।
3 शहीदों की हुई पहचान
इसके बाद सेना और डोगरा स्काउट्स ने शवों की खोज के लिए अभियान चलाया। 2019 तक पांच शवों के अवशेष को बरामद किया जा सका। अब चंद्रभागा माउंटेन एक्सपेडीशन ने चार और शहीद जवानों के शव के अवशेष बरामद किए हैं। 3 शहीदों की पहचान हो गई हैं, जवानों की पहचान सिपाही नारायण सिंह, सिपाही मलखान सिंह और थॉमस चरण के तौर पर हुई है। चौथे शव की पहचान नहीं हो पाई है, क्योंकि दस्तावेज पर लिखी जानकारी मिट चुकी है।
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