अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का इतिहास काफी दिलचस्प और गौरवपूर्ण है। यह संस्थान आज 37,000 से अधिक छात्रों का घर है, लेकिन इसकी शुरुआत केवल सात छात्रों के साथ हुई थी। इस यूनिवर्सिटी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। फैसले के अनुसार AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा। 4-3 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि धार्मिक समुदाय संस्था स्थापित कर सकता है, लेकिन प्रशासन नहीं देख सकता। आइए जानते हैं इस विवि का गौरवशाली इतिहास…
AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार, CJI ने 4-3 के बहुमत से सुनाया फैसला
एएमयू का प्रारंभिक इतिहास
1875 में सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता को महसूस करते हुए मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल स्कूल की स्थापना की थी। ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित यह स्कूल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर आधारित था और भारत का पहला उच्च शिक्षण संस्थान बनकर उभरा। चूंकि उस समय निजी विश्वविद्यालयों की अनुमति नहीं थी, इसे स्कूल के रूप में शुरू किया गया। 1920 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और इसके साथ ही ब्रिटिश सरकार की केंद्रीय विधायिका ने एएमयू एक्ट पारित करके इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया।
IIRF Ranking 2024 में JNU पहले पायदान पर, Top 10 में मध्य प्रदेश की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं
एएमयू के लिए सर सैयद की अनूठी पहल
सर सैयद ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कई अनोखे कदम उठाए, जैसे कि चंदा इकट्ठा करना और नाटक में प्रदर्शन करना। उन्होंने लोगों से सहयोग प्राप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास किए। उनके इस संघर्ष के परिणामस्वरूप एएमयू की नींव पड़ी, जो आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक सम्मानजनक नाम है।
एएमयू का आधुनिक स्वरूप
आज एएमयू में 13 फैकल्टी, 21 केंद्र, और 117 विभाग हैं, जो तकनीकी, व्यावसायिक, और अनुसंधान के विविध क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, जैव प्रौद्योगिकी और इस्लामिक अध्ययन जैसे प्रमुख कोर्सेस भी शामिल हैं। एएमयू ने पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार में अपने तीन नए केंद्र खोले हैं, जो इसके विस्तार और शिक्षा की पहुंच को बढ़ाते हैं।
सांस्कृतिक और पाठ्यक्रमेतर गतिविधियाँ
एएमयू अपने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भी प्रोत्साहित करता है। यहां क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी और घुड़सवारी के लिए विशेष क्लब हैं। इसके अलावा, सामान्य शिक्षा केंद्र के माध्यम से छात्रों के लिए संगीत, ड्रामा, और साहित्यिक क्लबों का आयोजन भी किया जाता है, जो उनकी रचनात्मक क्षमताओं को विकसित करने में मदद करता है।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक