BARANASI. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को छात्रों, शिक्षकों और विश्व हिंदू परिषद के विरोध के बाद संस्थान परिसर में होली उत्सव पर लगा प्रतिबंध हटाना पड़ा और इसके लिए बाकायदा नया आदेश किया गया। बीएचयू के मुख्य प्रॉक्टर ने 20 फरवरी 2023 को जारी किए अपने आदेश को वापस लिया है। जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक स्थान पर होली खेलना या संगीत बजाना प्रतिबंधित है।
चीफ प्रॉक्टर ने नए आदेश में क्या लिखा
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर ने कहा कि होली मनाने के लिए सार्वजनिक स्थान पर एकत्रित होने के संबंध में 28 फरवरी 2023 को जारी आदेश को वापस लिया जा रहा है। सभी से उम्मीद की जाती है कि वो रंगों के इस त्योहार को सौहार्दपूर्ण वातावरण में गरिमा के साथ मनाएं। 28 फरवरी को बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ने एक नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय परिसर में सार्वजनिक स्थान पर होली खेलना या संगीत बजाना प्रतिबंधित है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अब इस संबंध में नया नोटिस जारी किया गया है।
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छात्रों, शिक्षकों और विहिप ने किया था विरोध
होली के त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने पर लगाए गए प्रतिबंध का बीएचयू के छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी विरोध किया था। विश्व हिंदू परिषद ने भी आदेश की निंदा थी। वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने रमजान के दौरान इफ्तार को मंजूरी दी थी, लेकिन अब होली के जश्न को प्रतिबंध किया जा रहा है। विनोद बंसल ने ट्विटर पर लिखा, होली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह दुनिया भर में सामाजिक सद्भाव का मंत्र भी है।
रोक का आदेश तीन स्थानों के लिए था
इस बीच, विश्वविद्यालय परिसर में होली पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को वापस लेने के बाद, बीएचयू के मुख्य प्रॉक्टर ने कहा कि परिसर में केवल तीन स्थान- अस्पताल, नया विश्वनाथ मंदिर और सड़कें सार्वजनिक स्थान हैं। होली मनाने पर रोक लगाने वाला पिछला आदेश सिर्फ इन्हीं तीन जगहों के लिए था। प्रॉक्टर ने कहा, छात्र परिसर में होली खेल रहे हैं। इससे कोई समस्या नहीं है और अभी तक हमें किसी भी छात्र से कोई शिकायत नहीं मिली है। काशी की होली विश्व प्रसिद्ध है, इसलिए विश्वविद्यालय परिसर में होली नहीं होने की कल्पना नहीं की जा सकती है।