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शुक्र ग्रह धरती के बिल्कुल पड़ोस में है लेकिन ये तो हम सब ही जानते हैं कि यहां जीवन की संभावना न के बराबर है। इसीलिए बाइबिल में इसे नरक भी कहा गया है। क्योंकि इसके वायुमंडल में 96% कार्बन डाइऑक्साइड है और इसके सतह पर आग बरसती है।
यहां का तापमान किसी पिज्जा के ओवन की तरह 464 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा है। यानी अगर आपने शुक्र ग्रह पर पैर भी रखा तो उबलने लगेंगे।
लेकिन एक अरबपति का दावा है कि वे धरती से लोगों को शुक्र ग्रह पर भेजने जा रहे हैं। जहां वे पिकनिक मना सकेंगे और यहां तक कि घर भी बनाकर रह सकेंगे। वह भी बिलकुल सुरक्षित।
किस ने किया दावा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओशन गेट के सह-संस्थापक रहे गिलर्मो सोहलेन ने ये दावा किया है कि वह 2050 तक मनुष्यों को सुरक्षित रूप से शुक्र ग्रह पर भेज सकते हैं।
गिलर्मो सोह्नलेन ने 2009 में स्टॉकटन रश के साथ मिलकर ओशन गेट की स्थापना की थी। इन लोगों ने टाइटन पनडुब्बी का निर्माण किया था।
जिससे 5 अमीर लोग टाइटैनिक जहाज के मलबे तक पहुंचने वाले थे। स्टॉकटन रश को अपने आविष्कार पर इतना भरोसा था कि वे खुद उस पनडुब्बी में सवार थे।
लेकिन बीच रास्ते में ही टाइटन पनडुब्बी डूब गई। इसमें सवार रश समेत सभी पांच लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन इस झटके बावजूद सोहलेन का साहस कम नहीं हुआ है।
कम लागत में…
गिलर्मो सोहलेन अब शुक्र ग्रह पर मानव बस्तियां बसाने के लिए ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं जो वहां जाना चाहें। वो इन लोगों का एक वैश्विक ग्रुप बना रहे हैं।
एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा, हम आज ही चाहे तो शुक्र ग्रह की यात्रा पर निकल सकते हैं। बिल्कुल सुरक्षित और काफी कम लागत में…
शुक्र ग्रह को अक्सर धरती की बहन भी कहा जाता है। लेकिन 24 मिलियन मील दूर होने के कारण मनुष्यों को वहां पहुंचने में कई महीने लगेंगे। लेकिन वहां के हालात नारकीय हैं।
शुक्र ग्रह का तापमान इतना ज्यादा है कि वहां शीशा भी पिघल सकता है। उसका वायुमंडल सल्फ्यूरिक एसिड के बादलों से भरा हुआ है। अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र ग्रह पूरी तरह निर्जन है। वहां किसी भी तरह का जीवन संभव ही नहीं है।
मंगल ग्रह की तुलना में ज्यादा आसान
अरबपति ने लिखा मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने की तुलना में शुक्र ग्रह पर मनुष्यों के रहने की संभावना काफी बेहतर है।
हालांकि अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और एलन मस्क की एजेंसी स्पेसएक्स का भी इस पर फोकस है। उन्होंने कहा वास्तविकता यह है कि शुक्र ग्रह पृथ्वी के बहुत करीब है और इसकी कक्षा भी बहुत समान है।
जो इसे मंगल ग्रह की तुलना में अधिक सुलभ बनाता है। यहां जाने का खर्च भी काफी कम आएगा। लगातार उड़ान भी की जा सकती है। जाने में वक्त भी काफी कम लगने वाला है। सुरक्षा के लिहाज से भी यह काफी महत्वपूर्ण होगा।
क्या है सोहलेन का पूरा प्लान
दरअसल सोहलेन शुक्र ग्रह पर उतरने की योजना नहीं बना रहे हैं। उनका कहना है कि शुक्र ग्रह की सतह से लगभग 50 किलोमीटर ऊपर तैरते शहर बसाए जा सकते हैं।
जिनमें इंसान रहेंगे। इस ऊंचाई पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के 98 प्रतिशत के बराबर होगा। यह इंसानी बस्तियां बसाने के लिए काफी जरूरी है।
इस ऊंचाई पर वायुदाब पृथ्वी की सतह के बराबर होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यहां का तापमान 30 से 50 डिग्री सेल्सियस होगा। जो इंसान सह सकते हैं।
जहां तक सल्फ्यूरिक एसिड के बादलों का सवाल है तो उनका कहना है कि इन पर ब्रिदिंग सिस्टम और एसिड प्रतिरोधी सामग्रियों से काबू पाया जा सकता है। या इन्हें पीने योग्य पानी में परिवर्तित किया जा सकता है।
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