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हरियाणा के प्रसिद्ध आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हाल ही में अपने करियर की समाप्ति पर चुप्पी तोड़ी। 30 अप्रैल 1965 को कोलकाता में जन्मे खेमका का करियर कई संघर्षों और विवादों से भरा रहा। उनका नाम राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चर्चित हुआ, खासतौर पर जब उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच 2012 में हुए भूमि सौदे के म्यूटेशन को रद्द किया।
आज मेरा IAS करियर पूरा हुआ। अपने परिवार, सहकर्मियों और सभी शुभचिंतकों का शुक्रिया, जिनके अटूट समर्थन के बिना यह सफ़र संभव नहीं हो पाता। अगर इस सफ़र के दौरान मेरी वजह से किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं माफ़ी चाहता हूँ।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) April 30, 2025
खेमका अपने ट्रांसफर और उनके द्वारा उठाए गए कदमों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते थे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा- आज मेरा IAS करियर पूरा हुआ।साथ ही, उन्होंने अपने परिवार, सहकर्मियों और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया। उनका यह बयान इस बात का संकेत था कि उन्होंने इतने सालों में हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारियों को निभाया और समाज के लिए कार्य किया।
34 सालों में 57 ट्रांसफर
अशोक खेमका का करियर न केवल उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए, बल्कि उनके ट्रांसफर के लिए भी चर्चित रहा। 34 वर्षों के अपने करियर में, खेमका को 57 बार ट्रांसफर किया गया, जिनमें से कुछ पद ऐसे थे जिन पर वह एक महीने से भी कम समय तक रहे। इन ट्रांसफरों का कारण उनके ईमानदार और निडर काम करने का तरीका था, जो अक्सर राजनीतिक दबावों से टकराता था।
खेमका ने कभी भी अपने कार्यों से समझौता नहीं किया और हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े रहे। उनका मानना था कि अगर भ्रष्टाचार को जड़ से नहीं खत्म किया जाता तो नागरिक अपने वास्तविक लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। 2023 में, उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कदम उठाने की अपील की थी।
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रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी विवादास्पद भूमि डील
आईएसएस अशोक खेमका की सबसे बड़ी सुर्खियों में आने वाली घटना थी, जब उन्होंने 2012 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच एक जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द किया। यह सौदा 2008 में हुआ था, लेकिन जब खेमका ने इसे रद्द किया, तो यह विवादों का कारण बन गया। इस कदम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनावों में इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया।
खेमका की शिक्षा और करियर
IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में अपनी शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने ने और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से पीएचडी की। इसके बाद खेमका ने एमबीए किया। 1990 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद आईएएस अधिकारी बने। हरियाणा कैडर में उनकी नियुक्ति हुई।
खेमका की विदाई और उनका योगदान
खेमका ने हरियाणा की आईएएस एसोसिएशन से विदाई ली, और परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) के पद से रिटायर हुए। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिनमें बड़े वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र देने से मना करना और परिवहन विभाग की व्यवस्था में सुधार लाना शामिल था। उनकी ईमानदारी और सख्त निर्णयों ने उन्हें एक प्रभावशाली अधिकारी बना दिया।
FAQ
1. अशोक खेमका क्यों चर्चित रहे?
अशोक खेमका अपने करियर में लगातार ट्रांसफर होने, रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी जमीन के सौदे को रद्द करने, और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने के कारण चर्चित रहे।
2. अशोक खेमका की शिक्षा कहां से हुई थी?
अशोक खेमका ने IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया और फिर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से पीएचडी की। इसके बाद उन्होंने एमबीए किया।
3. अशोक खेमका का रिटायरमेंट कब हुआ?
अशोक खेमका 2023 में हरियाणा के परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए।