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ICC ने महिला क्रिकेटरों को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और आपत्तिजनक टिप्पणियों से बचाने के लिए गोबल ऐप के साथ एक नई पहल शुरू की है। इस ऐप की मदद से अब खिलाड़ियों और उनकी टीम के सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे कमेंट अपने आप हट जाएंगे, जो अनुचित और आपत्तिजनक हैं। गोबल ऐप अब सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की नफरत फैलाने वाली सामग्री को छिपाने या हटाने की प्रक्रिया को संभालेगा, जिससे खिलाड़ियों को मानसिक शांति मिलेगी।
पिछले महीने आयोजित विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप में आईसीसी ने इस नई सुविधा का ट्रायल किया था। ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि गलत टिप्पणियों के साथ-साथ बॉट्स द्वारा फैलाए गए विज्ञापन और गैरजरूरी सामग्री को भी प्लेयर के सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दिया जाए। इस तकनीक ने Trolling को रोकने में अहम भूमिका निभाई और सही दिशा में एक कदम बढ़ाया।
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आईसीसी द्वारा किए गए ट्रायल के दौरान यह पता चला कि विमेंस क्रिकेटर्स और उनकी टीमों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हर पांचवां कॉमेंट आपत्तिजनक था। इनमें नस्लवाद, लिंगवाद और समलैंगिकता जैसे भद्दे और अपशब्दों से भरे कॉमेंट्स थे। इस स्थिति ने आईसीसी को इस पहल को और गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया और साथ ही यह साबित किया कि खिलाड़ियों के सोशल मीडिया पर निगरानी रखने की आवश्यकता है।
आईसीसी के डिजिटल हेड, फिन ब्रैडशॉ ने इस मामले में कहना है कि युवाओं और नए खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर गलत टिप्पणियों का सामना करना पड़ता था, जो उनकी मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालता था। उनका कहना था कि खेल में युवा खिलाड़ियों को इस तरह की निगेटिविटी से बचाना जरूरी है, ताकि वे मानसिक रूप से मजबूत बने और खेल के प्रति उनका उत्साह बना रहे।
फिलहाल यह सुविधा सिर्फ महिला क्रिकेटरों को दी जा रही है। लेकिन भविष्य में अगर पुरुष क्रिकेटर भी सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होते हैं तो उन्हें भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। ICC ने 2025 तक महिला क्रिकेटरों को यह सुविधा देने का फैसला किया है, ताकि वे बिना किसी ऑनलाइन उत्पीड़न के अपनी खेल गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इस पहल के साथ ICC का उद्देश्य सोशल मीडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को मानसिक रूप से सुरक्षित रखना है, ताकि वे अपने खेल पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें और महिला क्रिकेट को एक सुरक्षित और सकारात्मक मंच मिल सके।