NEW DELHI. खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' का चीफ अमृतपाल सिंह अभी असम की डिब्रगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उसकी गिरफ्तारी की गई है, लेकिन अब अमृतपाल के सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद एक ही चर्चा है कि 'वारिस पंजाब दे' का अगला 'वारिस' कौन होगा? क्या जेल में बंद अमृतपाल ही इसका वारिस रहने वाला है या फिर कोई और इसकी कमान संभालेगा। मनदीप सिद्धू एक ऐसा नाम है जो वर्तमान में तेजी से सामने आ रहा है। क्योंकि अमृतपाल की फरारी के दौरान दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिद्धू ने उसकी (अमृतपाल) नियुक्ति को अवैध बताया था।
'वारिस पंजाब दे' की शुरुआत दीप सिद्धू ने की थी
जानकारी के मुताबिक 'वारिस पंजाब दे' की शुरुआत एक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, लेकिन बाद में 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह बन गया। जिसको लेकर दीप सिद्धू के भाई ने अमृतपाल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। अमृतपाल जब फरार चल रहा था तो दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिद्धू ने बताया था कि अमृतपाल सिंह की 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख के रूप में नियुक्ति अवैध थी, क्योंकि ये संगठन उनके भाई ने स्थापित किया था।
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अमृतपाल ने 'वारिस पंजाब दे' को किया हाईजैक
दीप सिद्धू तो अमृतपाल को पंसद तक नहीं करते थे। उसका नंबर तक ब्लॉक किया हुआ था। ब्लॉक किए गए नंबर के स्क्रीनशॉट तक सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। मनदीप सिद्धू ने कहा कि अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटा तो उसने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के कागजात मांगे थे। जब उसे कागजात देने से मना किया गया तो उसने अचानक से ‘वारिस पंज-आब दे’ नामक संगठन खड़ा कर लिया था। जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज भी जुड़ा हुआ था। मिलते-जुलते नाम की वजह से फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई कि दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अब अमृतपाल देख रहा है।
नए 'वारिस' की चर्चा में सिर्फ 1 नाम सबसे आगे
मनदीप सिद्धू ने अमृतपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमृतपाल ने वारिस पंजाब दे संगठन को हाईजैक किया था। उन्होंने इस मामले की जांच करवाने की भी अपील की थी। अमृतपाल वारिस पंजाब दे संगठन की लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहता था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि वारिस पंजाब दे चीफ का नया वारिस दीप सिद्धू का भाई मनदीप बन सकता है।