पुनीत पांडेय, DEHRADUN. भारतीय सेना ने साल में दो बार होने वाली पासिंग आउट परेड को आधुनिक बनाने का निर्णय लिया है। पासिंग आउट परेड में अब घोड़ों से खींची जाने वाली बग्गी नहीं दिखेंगी। इस निर्णय के बाद जिन कोच को परेड से हटाया जाएगा उनमें आईकॉनिक पटियाला कोच भी शामिल है। इस कोच को पटियाला के महाराज ने 1969 में एकेडमी को गिफ्ट किया था। इस कोच में परेड के चीफ गेस्ट परेड स्थल पर आया करते थे।
10 जून को होने वाली पासिंग आउट
पटियाला कोच के अलावा जो बग्गी सर्विस में हैं उनमें जयपुर कोच (जयपुर के महाराजा ने गिफ्ट किया था) है। विक्टोरिया कोच और कमांडेंट का फ्लैग कोच हैं। इन कोच को भी परेड से हटा दिया जाएगा। इस मामले में जानकारी रखने वाले एक अफसर ने कहा कि 10 जून को होने वाली पासिंग आउट परेड अलग होगी। इस परेड में घोड़ों से खींची जाने वाली बग्गी नहीं होगी। इस बार इसमें कार दिखेंगी।
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हटाए जाने के बाद बग्गियों का क्या होगा?
हटाए जाने के बाद बग्गियों का क्या होगा इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। इन्हें एकेडमी के डिस्प्ले में रखा जा सकता है या फिर संबंधितों को वापस किया जा सकता है। घोड़ों से जुड़ी बग्गी की बात की जाए तो उन्हें कैडेट्स को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहेगा। इस बदलाव पर सेना का कहना है कि यह निर्णय सेना के हेडक्वार्टर से आए निर्देश के बाद लिया गया है। निर्देश में कहा गया है कि मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर्स के आधुनिक किया जाए और ब्रिटिश समय की परंपराओं समाप्त किया जाए। बग्गी को रिटायर करना इसी का एक हिस्सा है।
ब्रिटिश काल की गहरी छाप है भारतीय सेना पर
भारतीय सेना में ब्रिटिश काल की परंपराओं की गहरी छाप देखी जा सकती है। चाहे वो सेना की परेड हो या फिर अन्य परंपराएं। धीरे-धीरे ब्रिटिश राज के समय के साथ बदल रही हैं