LUCKNOW. आप ने एग्जाम में नकल करने के बारे में तो सुना ही होगा। नकल करने के लिए छात्र अलग-अलग तरीके अपनाते हैं और वह इस कोशिश में रहते हैं की वह पकड़े ना जाएं। नकल के लिए कोई ब्लूटूथ डिवाइस की मदद लेता है तो कोई अपने कपड़ों पर भी बारीकी से सवाल के जवाब लिख लेता है। ऐसा ही कुछ UPSSSC द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSSSC VDO Exam) में देखने को मिला, जहां व्यक्ति ने नकल करने के लिए मेहनत तो बहुत की, लेकिन अंत में उसकी पोल खुल ही गई। दो अलग-अलग मामलों में एक सरगना समेत 14 को गिरफ्तार किया है, जबिक दूसरी गैंग का सरगना फरार हो गया। बताया जाता है कि दो लोगों से परीक्षा पास कराने के लिए आठ लाख और 12 लाख रुपए में ‘ठेका’ लिया था। हालांकि एडवासं के तौर पर सिर्फ 50 हजार रुपए ही दिए गए थे। मामले में एसटीएफ जांच कर रही है।
एसटीएफ ने लखनऊ, बरेली, कानपुर, गोरखपुर में की कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में 5 साल बाद प्रदेशभर में सोमवार (26 जून) को हुई ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की लिखित परीक्षा में सॉल्वर गैंग की सेंधमारी उजागर हुई है। एसटीएफ ने लखनऊ, बरेली, कानपुर, गोरखपुर से कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ से पकड़े गए गैंग का सरगना जौनपुर में तैनात एक लेखपाल था, जिसे एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है, वहीं बरेली से पकड़े गए दूसरे गैंग का सरगना बिहार से सॉल्वर को परीक्षा में बैठा कर गड़बड़ी कर रहा था।
ऐसे हो रही थी नकल
यूपी एसटीएफ ने कमलेश कुमार यादव को भी गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि कमलेश यादव ने ही लखनऊ और गाजीपुर से पकड़े गए परीक्षार्थी मनोज यादव और राहुल यादव को ब्लूटूथ कनेक्टेड एक डिवाइस दी थी। जिसे परीक्षार्थियों ने अपने कान में अंदर डाला था और दूसरी तरफ सॉल्वर बैठकर प्रश्न पत्र हल करवा रहे थे। लेखपाल कमलेश यादव ने इस काम के लिए राहुल यादव से 8 लाख रुपए और गाजीपुर से पकड़े गए मनोज यादव से 12 लाख रुपए में परीक्षा पास कराने की बात तय हुई थी। बतौर एडवांस 50 हजार दोनों परीक्षार्थियों से लिए थे। एडवांस की रकम से लेखपाल कमलेश यादव ने परीक्षार्थियों को एक ब्लूटूथ डिवाइस दिया था, जिसे परीक्षार्थियों ने अपने कान में लगाया और जो दूसरी तरफ सॉल्वर से कनेक्ट था। परीक्षार्थी पढ़ते हुए बोलकर सवाल पढ़ता तो दूसरी तरफ से सॉल्वर उसका जवाब कान में बता देता।
नौकरी दिलाने का दिया था सांझा
ठीक इसी तरह यूपी एसटीएफ ने कानपुर के नौबस्ता इलाके से सत्यम तिवारी को गिरफ्तार किया है। परीक्षा हॉल से गिरफ्तार सत्यम तिवारी ने कान के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस लगाया था, जिसे यूपी एसटीएफ ने क्लिप के जरिए बाहर निकाला। एसटीएफ ने पूछताछ की तो पता चला यह ब्लूटूथ डिवाइस सत्यम तिवारी को दूसरे परीक्षार्थी प्रहलाद पाल ने दी थी और परीक्षा पास कराने पर 8 लाख देने थे। ब्लूटूथ डिवाइस की दूसरी तरफ प्रहलाद पाल खुद था जो पास के ही एक लॉज में रुक कर सत्यम को सवालों के जवाब बता रहा था। सत्यम तिवारी की गिरफ्तारी के बाद प्रहलाद पाल लॉज से फरार हो गया।