New Delhi. आयकर विभाग ने कर से छूट प्राप्त करने वाले धर्मार्थ संस्थानों से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। बदलावों के तहत इन संस्थानों को यह जानकारी देनी होगी कि उनकी गतिविधियां केवल धर्मार्थ हैं, धार्मिक हैं या धार्मिक के साथ धर्मार्थ हैं। नए नियमों के अनुसार धर्मार्थ संस्थानों को ऐसे लोगों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी, जिनसे एक दिन में दो लाख रुपए से ज्यादा की राशि दान में मिली है।
एक अक्टूबर 2023 से लागू होंगे नए नियम
नए नियम एक अक्टूबर 2023 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार, धर्मार्थ संस्थानों को ऐसे लोगों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी, जिनसे एक दिन में दो लाख रुपए से ज्यादा की राशि दान में मिली है। इसमें दान देने वाले का नाम, पता और पैन नंबर (यदि उपलब्ध हो) की जानकारी देनी होगी।
क्या बोले नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार का कहना है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में कर छूट का दावा करने वाले या आयकर अधिनियम के तहत 80जी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए धर्मार्थ संस्थानों के लिए लागू पंजीकरण नियमों को नया रूप दिया है। ऐसे में दान को लेकर आयकर का सख्त कदम सही है। मालूम हो, कर और कानून फर्मों के वैश्विक संघ, यूएस-मुख्यालय वाले एंडरसन ग्लोबल ने नांगिया एंडरसन एलएलपी को भारत में अपनी पहली सदस्य फर्म के रूप में शामिल था।
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आयकर नियमों में किए बदलाव
विश्वास पंजियार ने कहा कि सरकार ने अब आयकर नियमों (नियम 2सी, 11एए और 17ए) में बदलाव किए हैं। संशोधित नियम एक अक्टूबर 2023 से ही लागू होंगे। इसके अलावा संबंधित फॉर्म के अंत में दिए गए अंडरटेकिंग में भी थोड़े बदलाव किए गए हैं।
इन संस्थानों को मिली है कर से छूट
आयकर कानून के तहत धर्मार्थ संस्थानों, धार्मिक ट्रस्टों और चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थानों की आय को कर से छूट मिली हुई है। हालांकि इस छूट के लिए इन संस्थानों को आयकर विभाग के पास पंजीकरण कराना होता है।