नए बजट में टैक्स पेयर्स को मिल सकती है 5 लाख की छूट, सीधे बचेंगे इतने पैसे

इनकम टैक्‍स को लेकर सरकार बजट में बड़ा फैसला कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार सीधे 5 लाख रुपए तक टैक्‍स छूट दे सकती है। इसका फायदा 7.5 लाख से ज्‍यादा की सैलरी वालों को होगा।

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Pratibha ranaa
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टैक्सपेयर्स
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अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं तो आप टैक्स रिटर्न ( ITR Filing ) भी फाइल करते होंगे। आपकी सैलरी पर तो आपको टैक्स देना ही होता है, लेकिन सरकार मीडिल क्लास को टैक्स में कुछ राहत देने पर विचार कर रही है। इसके लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक की जा सकती है। ( Budget 2024-25 Income Tax Expectations ) उम्मीद जताई जा रही है कि अगले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन यह घोषणा कर सकती हैं। 

सिर्फ इन्हें मिलेगी छूट

बता दें, अभी तक 3 लाख रुपए कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। अब सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सकती है। हालांकि ये टैक्स छूट हर टैक्स पेयर्स ( Taxpayers ) पर लागू नहीं होगी। यह सिर्फ उन लोगों पर लागू होगी, जो नई टैक्स रिजीम को चुनते हैं। 

टैक्स छूट की सीमा बढ़ने से सबसे ज्यादा फायदा मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायी और सीनियर सिटिजन वालों को होगा।  ( income tax exemption )

अब मिलेगी सीधे 5 लाख की छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Budget 2024-25 Income Tax Expectations ) जुलाई में नई सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। इस बजट से टैक्स पेयर्स को खुशखबरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि इनकम टैक्‍स को लेकर सरकार बजट में बड़ा फैसला कर सकती है। सरकार सीधे 5 लाख रुपए तक टैक्‍स छूट दे सकती है। इसका फायदा 7.5 लाख से ज्‍यादा की सैलरी वालों को होगा।

अभी ये है व्‍यवस्‍था

अभी नया टैक्‍स रिजीम वालों को 3 लाख रुपए तक की टैक्‍स छूट मिलती है। 7 लाख रुपए तक की कमाई पर लगने वाला टैक्‍स रिबेट हो जाता है। ऊपर से 50 हजार रुपए स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के तौर पर भी टैक्‍स छूट मिल जाती है। इसका मतलब हुआ कि 7.5 लाख रुपए तक कमाने वाले को नए रिजीम में कोई टैक्‍स नहीं भरना पड़ता है, लेकिन जैसे ही आमदनी 7.5 लाख रुपए से ऊपर जाती है तो टैक्‍स की गणना सीधे 3 लाख रुपए से होती है।

अब ये है नई व्‍यवस्‍था 

मोदी सरकार अगर बजट में 5 लाख रुपए तक टैक्‍स छूट देती है, तो इससे सबसे ज्यादा फायदा मीडिल क्लास वालों को होगा। बता दें, 7.5 लाख रुपए से ऊपर की कमाई पर टैक्‍स का हिसाब 5 लाख रुपए के बाद होगी। अगर नई व्‍यवस्‍था लागू होती है तो 7.6 लाख से 50 लाख रुपए तक कमाई करने वालों के 10,400 रुपए बचेंगे। इसमें 4 फीसदी हेल्‍थ एंड एजुकेशन सेस भी शामिल होगा।

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अब ये भी जान लीजिए...

टैक्स बचाना है? अपनाएं ये 10 तरीके, एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा

अगर आप फाइनेंशियल ईयर के लिए कोई टैक्‍स सेविंग को कोई भी तरीका ( Tax Saving Scheme ) नहीं जानते है, तो आपकी सैलरी में कटौती (Deduction in Salary) हो सकती है। 

इन 10 तरीकों को अपनाएं तो नहीं देना पड़ेगा 1 रुपए का भी टैक्‍स ( Tax Saving Plan ) .......

  • लीव ट्रेवेल अलाउंस: ट्रेवेल कॉस्‍ट को कम करने के लिए कंपनी लीव ट्रेवेल अलाउंस (LTA) सुविधा देती है। इसे क्‍लेम करने के लिए यात्रा से जुड़े दस्‍तावेज को प्रोवाइड कराना होगा। हालांकि ये छूट चार साल में की गई दो यात्राओं के लिए ही होगी। 
  • फूड कूपन: फूड वाउचर में 26,000 से ज्यादा रुपए की हर साल टैक्‍स छूट दी जाती है। नियोक्‍ता अक्‍सर फूड वाउचर के माध्‍यम से फूड की पेशकश करते हैं। हर दिन 50 रुपए के फूड पर सालाना 26,400 रुपए की टैक्‍स कटौती कर सकते हैं। 
  • मोबाइल बिल रिम्बर्समेंट: कई नियोक्‍ता काम से जुड़े कॉल और इंटरनेट यूज पर मोबाइल बिल रिम्‍बर्समेंट करते हैं, जो टैक्‍स छूट के तहत आती है। 
  • कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF): ईपीएफ के तहत कर्मचारी और नियोक्‍ता का योगदान टैक्‍स छूट के तहत आता है। इसपर मिले ब्‍याज को भी टैक्‍स छूट के तहत रखा गया है। इसके तहत 80C के तहत हर साल 1.5 लाख रुपए की टैक्‍स छूट का दावा कर सकते हैं।
  • एजुकेशन अलाउंस: अपने बच्‍चों की पढ़ाई पर खर्च को कवर करने के लिए एजुकेशन अलाउंस का फायदा मिलता है, जिसे आप आसानी से उठा सकते हैं। बच्चे की पढ़ाई के खर्च के लिए हर बच्चा 100 रुपए हर महीने की कटौती की अनुमति है। इसके अतिरिक्त, छात्रावास व्यय को पूरा करने के लिए हर बच्चे 300 रुपए हर महीने की परमिशन है। यह पूरी तरह टैक्‍स छूट के तहत आता है।  
  • गिफ्ट वाउचर: नियोक्ता की ओर से दिए गए गिफ्ट टैक्‍स छूट के तहत आते हैं। उनका कुल मूल्य सालाना 5000 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • बुक एंड मैगजीन: अपने क्षेत्र से जुड़े बुक, मैगजीन या न्‍यूजपेपर खरीदने पर भी टैक्‍स छूट का दावा किया जा सकता है।
  • यूनिफॉर्म अलाउंस: कई नियोक्‍ता की ओर से पहनी गई वर्दी की लागत या रखरखाव को कवर करने के लिए भत्ता दिया जाता है। इसे भी टैक्‍स छूट के तहत रखा गया है। 
  • स्‍टैंडर्स डिडक्‍शन: बजट 2018 में मानक कटौती को फिर से शुरू किया था। इसके तहत सकल वेतन से 50,000 टैक्‍स देनदारी कम हो जाती है। 
  • हाउस रेंट अलाउंस (HRA): कर्मचारियों को आवास के खर्च को कम करने के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) दिया जाता है। इसे पूरी तरह से टैक्‍स से छूट दी गई है। यह आपके किराए को कवर करता है।

pratibha rana

 

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