Independence Day 2024 : हमारे फ्रीडम फाइटर्स के त्याग, तपस्या और बलिदान का दिन, भारत मना रहा है आजादी का अमृत महोत्सव

15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आजादी मिली थी। हर साल इस दिन हम जश्न मनाते हैं। इस आजादी के लिए हमारे देश के कई वीर जवानों ने अपना बलिदान दिया था।

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Pratibha ranaa
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भारत मना रहा है आजादी का अमृत महोत्सव, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस ( Independence Day ) के रूप में मनाया जाता है। 1947 में इसी दिन भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में किए गए बलिदानों को याद करने और देश की आजादी का जश्न मनाने का अवसर है।

इस दिन देशभर में ध्वजारोहण समारोह, परेड, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में, लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है, जो स्वतंत्रता दिवस के मुख्य आकर्षणों में से एक है। स्वतंत्रता दिवस भारतीय नागरिकों के लिए गर्व और सम्मान का दिन है, जब वे अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों और उनकी देशभक्ति को याद करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

  • आजादी का जश्न: यह दिन भारत की आजादी का प्रतीक है और इस दिन हम अपनी आजादी के लिए हुए संघर्ष को याद करते हैं।
  • शहीदों को श्रद्धांजलि: इस दिन हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया।
  • राष्ट्रीय एकता: यह दिन राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का प्रतीक है।
  • देशभक्ति: इस दिन देशभक्ति की भावना जागृत होती है और हम अपने देश के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है?

  • राष्ट्रीय ध्वज: इस दिन देश भर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
  • समारोह: राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं।
  • परेड: देश के विभिन्न हिस्सों में परेड निकाली जाती हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • देशभक्ति गीत: लोग देशभक्ति गीत गाते हैं।
  • तिरंगा यात्रा: लोग तिरंगा यात्रा निकालते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व

स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम आजादी के लिए किस तरह संघर्ष किया गया था। यह दिन हमें एकजुट होने और देश के विकास में योगदान देने का अवसर देता है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य देशभक्ति की भावना को जागृत करना, स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना और देश की एकता को मजबूत करना होता है। इसमें...

  • ध्वजारोहण: यह दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ शुरू होता है। देश के सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा फहराया जाता है।
  • समारोह: राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं। इस दौरान विभिन्न सशस्त्र बल अपनी शक्ति और पराक्रम का प्रदर्शन करते हैं।
  • परेड: देश के विभिन्न शहरों में परेड निकाली जाती हैं। इन परेडों में स्कूली बच्चे, नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) के कैडेट और विभिन्न सशस्त्र बल भाग लेते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में नृत्य, गायन, नाटक और अन्य कलात्मक प्रदर्शन शामिल होते हैं।
  • देशभक्ति गीत: लोग देशभक्ति गीत गाते हैं।
  • तिरंगा यात्रा: लोग तिरंगा यात्रा निकालते हैं।
  • रक्तदान शिविर: कई जगहों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते हैं।
  • स्वच्छता अभियान: स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई अभियान चलाए जाते हैं।
  • सेमिनार और गोष्ठियां: देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता से संबंधित विषयों पर सेमिनार और गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं।
  • प्रतियोगिताएं: विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जैसे निबंध लेखन, चित्रकला, क्विज आदि।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी। धीरे-धीरे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के बड़े हिस्सों पर कब्जा कर लिया। 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (जिसे सिपाही विद्रोह भी कहा जाता है) ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला बड़ा सशस्त्र विद्रोह था, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। इसके बाद 19वीं और 20वीं सदी में कई स्वतंत्रता सेनानियों और आंदोलनों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया।

महात्मा गांधी के नेतृत्व में 20वीं सदी के पहले आधे में अहिंसात्मक आंदोलन, जैसे सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन, ने ब्रिटिश शासन को काफी कमजोर किया। 1942 में गांधी  के भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत पर अंतिम दबाव बनाया। अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया।

pratibha rana

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