Virtual meeting of INDIA alliance today - इंडिया ब्लॉक की 5वीं बैठक शनिवार को वर्चुअली आयोजित हुई, जिसमें 10 दलों के वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों की मानें तो बैठक में शामिल दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया ब्लॉक का चेयरपर्सन बनाने का प्रस्ताव रखा। इसका औपचारिक ऐलान अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से चर्चा के बाद किया जा सकता है। कांग्रेस ने सभी दलों के नेताओं से राहुल गांधी की आगामी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल होने का अनुरोध किया।
जेडीयू की ओर से पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह और संजय झा शामिल हुए। जेडीयू नेता संजय झा ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग के दौरान कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पर बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को ही इंडिया ब्लॉक का अध्यक्ष बनना चाहिए। संजय झा के मुताबिक नीतीश कुमार ने संयोजक बनने को लेकर अभी सहमति नहीं दी है। नीतीश ने मीटिंग में कहा, 'मेरी किसी पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम चाहते हैं कि गठबंधन जमीन पर आगे बढ़े, जरूरी है कि गठबंधन में शामिल दलों में एकजुटता बनी रहे'।
बड़ी चुनौती है NDA से टक्कर लेना
बीजेपी से टक्कर लेने के लिए बने INDIA के 28 दलों के बीच सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। गठबंधन में शामिल कई पार्टियों के नेता पहले ही ऐसे बयान दे चुके हैं, जिससे साफ है कि वे पार्टी के प्रभाव वाले राज्यों में सीटों के मुद्दे पर समझौता नहीं करेंगे। दूसरी ओर ये पहला मौका नहीं है, जब ममता बनर्जी ने बैठक में आने से इनकार किया है। दिसंबर 2023 में भी ममता गठबंधन की एक बैठक में शामिल नहीं हुई थीं। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने बैठक की जानकारी दो दिन पहले दी, ऐसे में मैं पहले से तय अपने कार्यक्रम रद्द नहीं कर सकतीं।
हर राज्य में फंसा है कोई न कोई पेंच
बंगाल में TMC VS BJP
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने 28 दिसंबर को अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। उत्तर 24 परगना में एक रैली के दौरान ममता ने कहा था कि हमें बीजेपी को सबक सिखाना है, किसी अन्य पार्टी को नहीं। दरअसल बंगाल में TMC की सीधी टक्कर बीजेपी से है। इसीलिए टीएमसी किसी भी हालत में कांग्रेस को 2 सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है।
महाराष्ट्र: शिवसेना (UBT) ताकतवर
उधर, शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने 29 दिसंबर को महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग पर कोई समझौता न करने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने दावा किया था कि शिवसेना महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनाव में दादरा और नगर हवेली सहित 23 सीटों पर शिवसेना लड़ती रही है। महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस से भी इस मुद्दे पर दो- दो हाथ हो सकते हैं।
पंजाब- केजरीवाल मांग रहे सभी सीटें
AAP के अरविंद केजरीवाल 17 दिसंबर को बठिंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। जनसभा के दौरान केजरीवाल ने लोगों से पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें मांग लीं। यहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और AAP चीफ के इस बयान से साफ है कि पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर AAP और कांग्रेस में टकराव देखने को मिल सकता है। वैसे भी पंजाब में AAP ने कांग्रेस से ही सरकार छीनी थी।
कांग्रेस पर है ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव
INDIA में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। बता दें कि राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है। कांग्रेस और BJP के बीच गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, अरुणाचल, चंडीगढ़ और गोवा में सीधी टक्कर है। यहां पर कांग्रेस को छोड़कर INDIA के 25 दलों में से किसी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। इन राज्यों में 131 सीटें ऐसी हैं, जहां पर BJP 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटों से जीती है। यानी इन सीटों पर भी INDIA के बजाय कांग्रेस को जोर लगाना होगा।
INDIA के पीएम फेस पर एक राय नहीं पार्टियां
19 दिसंबर को दिल्ली में INDIA की चौथी बैठक हुई थी। मीटिंग से एक दिन पहले ही JDU के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए। ऐसा किया जाता है तब ही फायदा होगा। INDIA में सिर्फ नीतीश कुमार ही स्वच्छ छवि वाले नेता हैं। उनकी ही छवि ईमानदार वाली है। इस मीटिंग में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। बाद में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें नीतीश की गैरमौजूदगी को लेकर कयासबाजी तेज हो गई। कहा गया कि नीतीश नाराज होकर समय से पहले बैठक छोड़कर चले गए।