1947 के बाद पहली बार भारतीयों के खाने का खर्च हुआ कम, रिपोर्ट्स में हुए चौंकाने वाले खुलासे

देश के शीर्ष 20 प्रतिशत परिवारों और शहरी क्षेत्रों में पैक्ड फूड कंजप्शन (Packed food consumption) काफी अधिक है। पैक्ड फूड की बढ़ती खपत स्वास्थ्य (Health) पर प्रभाव डालती है।

Advertisment
author-image
Deeksha Nandini Mehra
New Update
1947 के बाद पहली बार भारतीयों के खाने का खर्च हुआ कम
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Economic Advisory Council (EAC-PM) Report: भारत की आजादी के 77 साल बाद पहली बार भारतीयों का घरेलू खर्चा कम हो हुआ है। या यूं कहें कि आधा हो गया है। दरअसल, भारत में औसत घरेलू खर्च को लेकर नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 

पैक्ड फूड कंजप्शन पर बड़ा बदलाव

ये जानकारी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की एक रिपोर्ट में दी गई है। इसमें यह भी कहा गया कि देश में पैक्ड फूड कंजप्शन पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है और पैक्ड फूड पर हिस्सेदारी बढ़ी है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :

घरेलू खर्च में कमी 

भारत के खाद्य उपभोग और नीतिगत प्रभाव में बदलाव : घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2022-23 और 2011-12 का विश्लेषण' (Household Consumption Expenditure Survey 2022-23) शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भोजन पर कुल घरेलू खर्च की हिस्सेदारी में काफी कमी आई है। यह पहली बार है कि स्वतंत्रता के बाद भोजन पर औसत घरेलू खर्च परिवारों के कुल मासिक खर्च के आधे से भी कम हो गया है, जो एक महत्वपूर्ण प्रगति है।

औसत मासिक व्यय में वृद्धि

रिपोर्ट में 2022-23 और 2011-12 के बीच घरेलू उपभोग व्यय का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसके अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवारों के औसत मासिक प्रति व्यक्ति व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 

ग्रामीण वर्सेज शहरी खर्च में अंतर

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण परिवारों में खर्च में वृद्धि शहरी परिवारों की तुलना में अधिक है। ग्रामीण परिवारों का खपत में वृद्धि 164 प्रतिशत है, जबकि शहरी परिवारों के मामले में यह 146 प्रतिशत है। हालांकि, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के निचले 20 प्रतिशत परिवारों में खाद्य पदार्थों पर खर्च की हिस्सेदारी में अधिक गिरावट देखी गई है।

पैक्ड फूड की बढ़ती हिस्सेदारी

रिपोर्ट में पैक्ड प्रोसेस्ड फूड (Packed processed food) पर घरेलू खर्च की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि सभी क्षेत्रों और उपभोग वर्गों में देखी गई है, लेकिन विशेष रूप से देश के शीर्ष 20 प्रतिशत परिवारों और शहरी क्षेत्रों में यह काफी अधिक है। पैक्ड फूड की बढ़ती खपत स्वास्थ्य (Health) पर प्रभाव डाल सकती है, और इसके पोषण संबंधी प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि कृषि नीतियों को अनाज से परे विकसित किया जाना चाहिए, क्योंकि समाज के विभिन्न वर्गों में अनाज की खपत घट रही है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) जैसी नीतियों का किसानों के कल्याण पर सीमित प्रभाव पड़ सकता है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Packed food consumption in india पैक्ड फूड कंजप्शन पैक्ड प्रोसेस्ड फूड आर्थिक सलाहकार परिषद रिपोर्ट हिंदी न्यूज़ Economic Advisory Council Report भारतीयों के खाने का खर्च Hindi News