NEW DELHI/GOA. भारत के गोवा में आज (4-5 मई) से दो दिन की शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की बैठक हो रही है। इसमें सबसे खास बात ये है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भु्ट्टो जरदारी भी शामिल होंगे। बिलावल 12 साल बाद भारत आने वाले पाक के पहले विदेश मंत्री हैं। इससे पहले 2011 पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत आई थीं। एससीओ बैठक के अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस और चीन के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 7 साल से कोई बातचीत नहीं हो रही। लिहाजा बिलावल भुट्टो के दौरे पर सबकी नजरें हैं। बिलावल पाकिस्तान की इकलौती महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं। वे अप्रैल 2022 में 33 साल की उम्र में पाकिस्तान के सबसे युवा विदेश मंत्री बने थे।
जानें, वो बिलावल के वो 5 बयान, जिनसे दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ी
1. रिश्ते सुधारने भारत नहीं जा रहा : बिलावल
एससीओ बैठक में शामिल होने भारत आए बिलावल ने कहा था कि उनका दौरा भारत से संबंधों को सुधारने के लिए नहीं है। हम SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस विजिट को भारत से बातचीत के संबंध में नहीं देखना चाहिए। इसे SCO तक ही सीमित रखें।
2. मोदी को कसाई कहा था
15 दिसंबर को बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा था- ओसामा बिन लादेन तो मर गया, लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। भुट्टो के इस बयान का भारत ने कड़ा विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भुट्टो शायद 1971 भूल गए हैं, जब पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने इंडियन आर्मी के आगे सरेंडर किया था।
3. भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव
बिलावल ने 18 दिसंबर को कहा था- मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी पार्टी बीजेपी और RSS से नहीं डरता। PM मोदी को कसाई कहने वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा था- मेरा मकसद भारत में मुसलमानों के लिए जारी भेदभाव और नफरत के खिलाफ आवाज उठाना था। ऐसे में बेहतर होगा कि उनके खिलाफ प्रदर्शन करने के बजाय नफरत और भेदभाव के विरोध में आवाज उठाएं।
4. पूरा कश्मीर वापस लूंगा
2014 में पहली बार बिलावल ने कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने PPP के कार्यकर्ताओं से कहा था- मैं पूरा कश्मीर वापस लूंगा। मैं इसका एक इंच भी भारत के लिए नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि कश्मीर सिर्फ पाकिस्तान का है। पाकिस्तान के बाकी प्रोविंस की तरह कश्मीर भी हमारा है। इसके बाद से बिलावल यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में कई बार कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान कभी UN एजेंडों में इसे शामिल नहीं करवा पाया। 11 मार्च को बिलावल ने यूएन बैठक में कहा था- कश्मीर के मुद्दे को UN के एजेंडा में शामिल करवाना हमारे लिए बड़ा टास्क है।
5. UN में बोले- भारत के साथ बातचीत मुश्किल
मई 2022 में बिलावल ने UNSC में ओपन डिबेट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के आदेश का मुद्दा उठाया था। उन्होंने भारत में कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न और उन पर अत्याचार का भी आरोप लगाया था। तब बिलावल ने कहा था कि हमारा भारत के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल हो गया है।
2018 में पहली बार सांसद चुने गए
बिलावल भुट्टो 13 अगस्त 2018 को पहली बार सांसद चुने गए थे। उन्होंने 27 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान के 37वें विदेश मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2007 में बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से ही वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं। तब वे महज 19 साल के थे।
बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधाममंत्री तो उनके पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। बेनजीर ने अपनी आत्मकथा में खुद को राजस्थान के भाटी राजपूतों का वंशज बताया था। 2020 में जैसलमेर रियासत के पूर्व महाराज बृजराज सिंह के निधन पर भुट्टो परिवार की तरफ से शोक संदेश भेजा गया था। माना जाता है कि राजस्थान के भाटी, भट्टी राजपूत ही पाकिस्तान जाकर भुट्टो कहलाने लगे।