अपडेट- SC में 5 जजों ने शपथ ली; मस्क बोल- ट्विटर को दिवालिया होने से बचाना चुनौती थी; पाक में संकट- IMF की मानेगा या दिवालिया होगा

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Atul Tiwari
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अपडेट- SC में 5 जजों ने शपथ ली; मस्क बोल- ट्विटर को दिवालिया होने से बचाना चुनौती थी; पाक में संकट- IMF की मानेगा या दिवालिया होगा

NEW DELHI/BHOPAL. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए पांच जजों के नामों की मंजूरी दे दी है। मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का ऑर्डर जारी हो गया है। 6 फरवरी को इन पांच जजों ने शपथ ली। इनमें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे पंकज मित्तल, बिहार हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे संजय कौल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।



तुर्की में तेज भूकंप



तुर्किए में 6 फरवरी को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 थी। भूकंप से दक्षिण-पूर्व तुर्की में भारी नुकसान की खबर है। यहां कई बिल्डिंग्स भूकंप के चलते गिर गईं। अब तक 15 लोगों की मौत की सूचना है। तुर्किए से करीब 774 किमी दूर सीरिया की धरती भी कांपी। सीरिया में भी कई इमारतें ढह गईं।  



मस्क का ट्वीट- ट्विटर को दिवालिया होने से बचाना था



ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को लेकर नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि उनके लिए बीते तीन महीने बहुत ही कठिन रहे, क्योंकि उन्हें ट्विटर को दीवालिया होने से बचाना था। मस्क ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया कि टेस्ला और स्पेसएक्स में अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए उन्हें ट्विटर को दीवालिया होने से बचाना था। ऐसे में उनके लिए तीन महीने बहुत कठिन रहे। मस्क ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- पिछले तीन महीने बेहद कठिन थे, क्योंकि टेस्ला और स्पेसएक्स में कर्तव्यों को पूरा करते हुए ट्विटर को दिवालियेपन से बचाना था। मैं नहीं चाहता कि किसी को भी यह दर्द हो। ट्विटर में अभी भी चुनौतियां हैं, लेकिन अब ब्रेकइवन ट्रेंडिंग में है अगर हम इसे बनाए रखें। लोगों का समर्थन बहुत सराहनीय है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में 44 बिलियन डॉलर से ट्विटर के अधिग्रहण के ठीक एक हफ्ते के बाद कंपनी के राजस्व में बड़ी गिरावट आई थी, जिसके लिए एलन मस्क ने विज्ञापनदाताओं पर दबाव डालने वाले कार्यकर्ता समूहों को जिम्मेदार ठहराया था।



पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था का बढ़ता संकट

 

पाकिस्तान 900 अरब रुपए के राजकोषीय घाटे को लेकर लगातार फंसता ही जा रहा है। इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ उसकी बात नहीं बन पा रही, जिससे गतिरोध लगातार बना हुआ है। इस मसले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई है। कंगाली के दौर में शरीफ कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहे। वे कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। दरअसल, आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1 प्रतिशत के बराबर करीब 900 अरब रुपए का बड़ा राजकोषीय घाटा तय किया है, जिस पर पाक अधिकारियों ने आपत्ति जताई। अब मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ जीएसटी दर को 17 से 18% तक बढ़ाने या पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट्स उत्पादों पर 17% जीएसटी लगाने के लिए कह रहा है। लेकिन पाकिस्तान सरकार यहां भी ना-नुकुर कर रही है। अब देखने वाली बात होगी क्या पाकिस्तान आखिरकार IMF के सामने झुकने का फैसला लेता है या दिवालिया होना स्वीकार करता है।



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