पहलगाम में आतंकी हमला के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। इन हमलों से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में फिर से तनाव बढ़ा है। भारत की सख्त कार्रवाई के संकेतों के बीच इतिहास दोहराने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि पहले के युद्धों में पाकिस्तान भारत के सामने कितने दिन टिका और क्या परिणाम निकला।
1947-1948 का कश्मीर युद्ध
अक्टूबर 1947 – 1 जनवरी 1949 (करीब 1 साल)
भारत ने जम्मू-कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर नियंत्रण बनाए रखा।
1947 में भारत-पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के तुरंत बाद कश्मीर को लेकर संघर्ष शुरू हुआ। पाकिस्तान समर्थित कबायली लड़ाकों ने हमला किया और भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला। अंततः संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से युद्धविराम लागू हुआ।
1965 का युद्ध
5 अगस्त – 23 सितंबर 1965 (17 दिन)
भारतीय सेना लाहौर के नजदीक तक पहुंच गई थी, लेकिन ताशकंद समझौते के तहत वापसी हुई।
इस युद्ध की शुरुआत कच्छ के रण में झड़पों से हुई, जो धीरे-धीरे पूर्ण युद्ध में बदल गई। भारत ने आक्रामक बढ़त बनाई और पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
1971 भारत-पाक युद्ध (Bangladesh Liberation War)
3 दिसंबर – 16 दिसंबर 1971 (13 दिन)
पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया, बांग्लादेश का गठन हुआ।
यह युद्ध पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध था, जिसमें भारत ने निर्णायक भूमिका निभाई। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को उसकी सबसे बड़ी सैन्य हार दी। भारत ने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया—द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्मसमर्पण।
1999 करगिल युद्ध (Kargil War)
3 मई – 26 जुलाई 1999 (लगभग 60 दिन)
भारत ने ऑपरेशन विजय के तहत दुश्मन को खदेड़ दिया।
पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंचाइयों पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने टाइगर हिल समेत सभी क्षेत्रों को पुनः अपने कब्जे में ले लिया।
इस तरह साफ पता चलता है कि आजतक जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ है, हमेशा पाकिस्तान को मुह की खानी पड़ी है।