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NEW DELHI. भारत का सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके एल वन पॉइंट पर पहुंचा देगा। आदित्य-एल1 मिशन शनिवार को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया। इसे 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।
पीएसएलवी रॉकेट से की गई उड़ान
इसकी लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल से की गई है। पीएसएलवी-एक्सएल वैरिएंट की यह 25वीं उड़ान है। बता दें कि इससे पहले पीएसएलवी रॉकेट 58 और उड़ाने कर चुका है। लॉन्च के समय इस रॉकेट का वजन 321 टन और इसकी ऊंचाई 145.62 फीट रही। इसरो के इस मिशन की मदद से सूर्य की गतिविधियों के बारे में समझना आसान होगा। इसरो ने कहा कि सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंजियन बिंदु हैं और होलो ऑर्बिट में एल-1 बिंदु से उपग्रह सूर्य को बिना किसी बाधा और बिना किसी ग्रहण के लगातार देखकर अध्ययन किया जा सकता है।
आदित्य L-1क्या है ?
आदित्य एल-1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित ऑब्जरवेटरी है। जो कि सूर्य से बहुत दूरी पर तैनात होगा, ताकि वह खराब न हो सके। यह सूर्य की तपने की प्रक्रिया, तापमान से लेकर कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र की माप आदि जैसे कारक जो कि मौसम को कई प्रकार से प्रभावित करते हैं, उनका अध्ययन करेगा।
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आदित्य L-1 के साथ हैं ये पेलोड्स
आदित्य एल-1 के साथ सात पेलोड्स भेजे गए हैं। जिनमें प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी एल-1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) और एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स (MAG) शामिल हैं।