भारत में तुर्की सामान की बायकॉट की मांग बढ़ी, कई वस्तुओं के आयात पर लग सकती है रोक

तुर्की का पाकिस्तान को सीधा सहयोग देने के बाद भारत में उसके सामानों के बायकॉट की मांग तेज हो गई है। तुर्की से भारत में बड़े पैमाने पर मार्बल, सेब, फर्नीचर सहित कई सामान आते हैं।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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India may ban Turkey products
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भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के बावजूद वैश्विक राजनीतिक रिश्ते और दोस्ती दुश्मनी का असली चेहरा सामने आया है। भारत ने तुर्किए में आई भूकंप आपदा के दौरान तुरंत मानवीय सहायता भेजी, लेकिन तुर्किए ने पाकिस्तान के साथ समर्थन देकर भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इस घटना के बाद भारत में तुर्किए के खिलाफ व्यापक बायकॉट का ट्रेंड चल पड़ा है, जिसके चलते व्यापारी तुर्किए से आयातित वस्तुओं से दूरी बना रहे हैं।

तुर्की से भारत को क्या मिल रहा है?

  • तुर्किए से भारत में कई महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात होता है, जो घरेलू और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय हैं।
  • मार्बल (Marble): भारत में लगभग 70% मार्बल तुर्किए से आयात किया जाता है। यह निर्माण उद्योग का अहम हिस्सा है।
  • सेब (Apple): हर साल लगभग 1,29,882 मीट्रिक टन सेब तुर्किए से भारत आता है, जो फल बाजार में पसंद किया जाता है।
  • फर्नीचर, कालीन (Carpets), सजावटी सामान (Decorative Items): हाथ से बने ये सामान भारतीय उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं।
  • लिनन (Linen), सिल्क (Silk), मसाले (Spices), जैतून का तेल (Olive Oil), सूखे मेवे (Dry Fruits - बादाम, अखरोट), चेरी (Cherry), हर्बल ड्रिंक्स (Herbal Drinks): ये उत्पाद शहरी उपभोक्ताओं और विशेष रूप से होटलों में मांग में हैं।

तुर्किश डिशेज की बढ़ती लोकप्रियता

दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में तुर्किए की पारंपरिक डिशेज जैसे कुनाफा और कबाब का स्वाद लोगों को खूब भा रहा है। टर्किश चाय भी यहां के उपभोक्ताओं के बीच मशहूर है, जिसे कांच के बड़े गिलास में सर्व किया जाता है। हालांकि इसका स्वाद खास नहीं होता, फिर भी इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है।

भारत-तुर्किए व्यापार आंकड़े

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्किए के बीच कुल व्यापार 10.43 अरब डॉलर था, जिसमें से भारत का निर्यात 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर रहा। हालांकि, हाल की राजनीतिक स्थितियों ने इस व्यापार को प्रभावित किया है और भविष्य में तुर्किए के सामानों पर प्रतिबंधों की संभावना भी जताई जा रही है।
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