केवी सुब्रमण्यन की किताब India@100 और यूनियन बैंक का ₹7.5 करोड़ वाला विवाद, जानें अंदर की पूरी कहानी

वो खबर जो हिंदी का मीडिया आपसे छुपाता है, thesootr उसे आप तक लाता है। भारत के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक पद से केवी सुब्रमण्यन का हटना सिर्फ सूचना भर नहीं है। इसके पीछे एक बड़ा विवाद भी है…

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CHAKRESH
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KV Subramanian
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इस सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने अचानक आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के कार्यकारी निदेशक पद से केवी सुब्रमण्यन को हटा दिया। यह कदम उठाए जाने के बाद, सुब्रमण्यन एक बार फिर से चर्चा का केंद्र बन गए हैं।

सवाल उठ रहे हैं- क्या यह सरकार का फैसला बिना किसी कारण के लिया गया था, या फिर इसके पीछे उनके द्वारा लिखी गई किताब India@100: Envisioning Tomorrow's Economic Powerhouse है?

तो आइए इस खेल- तमाशे के पीछे की हकीकत क्या है, जो हिंदी के मीडिया आप तक नहीं पहुंचा रहे… 

IMF से अचानक हटाए गए सुब्रमण्यन

आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक के रूप में सुब्रमण्यन का कार्यकाल अभी छह महीने और बाकी था, लेकिन भारत सरकार ने उन्हें तुरंत प्रभाव से पद से हटा दिया। इस पर आईएमएफ ने भी पुष्टि की है कि सुब्रमण्यन को हटाने का निर्णय भारत सरकार का था।

 यह एक अप्रत्याशित और चौंकाने वाला कदम था, और इसके पीछे के कारणों पर अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या यह कदम उनकी किताब के कारण था, जो आने से पहले ही बैंक से भारी ऑर्डर प्राप्त कर चुकी थी?

किताब से पहले ₹7.5 करोड़ का ऑर्डर

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, India@100 किताब के प्रकाशित होने से पहले ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इसकी 1,89,450 कॉपियों का ऑर्डर दे दिया था।

 UNION BANK

बैंकों ने 18 जोनल ऑफिसों को एक पत्र भेजा, जिसमें प्रत्येक कार्यालय को 10,525 किताबें खरीदने का निर्देश दिया गया। पेपरबैक संस्करण के लिए प्रति किताब 350 रुपए और हार्डकवर संस्करण के लिए 597 रुपए की दर से कीमत निर्धारित की गई थी।

इस ऑर्डर का कुल मूल्य ₹7.5 करोड़ के आसपास था, जिसमें आधी रकम रूपा पब्लिकेशन को पहले ही दे दी गई थी।

किताब के ऑर्डर पर बैंक में बव

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