73 साल पहले बनकर तैयार हुआ था संविधान, बैठकों में हर बार सभा के 300 मेंबर मौजूद रहते थे, इसलिए बड़ी है अंबेडकर की भूमिका, जानें

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Shivasheesh Tiwari
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73 साल पहले बनकर तैयार हुआ था संविधान, बैठकों में हर बार सभा के 300 मेंबर मौजूद रहते थे, इसलिए बड़ी है अंबेडकर की भूमिका, जानें

BHOPAL. आज यानी 26 नवंबर का दिन देश भर में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन को राष्ट्रीय संवैधानिक दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। दरअसल 26 नवम्बर 1949 को संविधान को अपनाया गया था और राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया था। साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को  'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था।  2015 इसलिए खास वर्ष था क्योंकि उस साल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी।  





संविधान निर्माण में अंबेडकर की भूमिका





संविधान सभा की ज्यादातर बैठकों में औसतन 300 सदस्य मौजूद रहे और सभी सदस्यों को संविधान के निर्माण में समान अधिकार प्राप्त था। संविधान बनाने में सबसे ज्यादा मेहनत डॉ अंबेडकर ने की थी। पंडित नेहरू की आत्मकथा लिखने वाले माइकेल ब्रेचर ने अपनी पुस्तक नेहरू: ए पॉलिटिकल बायोग्राफी में आंबेडकर को भारतीय संविधान का वास्तुकार माना और उनकी भूमिका को संविधान के निर्माण में फील्ड जनरल के रूप में रेखांकित किया है। डॉ. आंबेडकर की भूमिका को रेखांकित करते हुए भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य टी. टी. कृष्णमाचारी ने नवम्बर 1948 में संविधान सभा के सामने कहा था ‘सम्भवत: सदन इस बात से अवगत है कि आपने ड्राफ्टिंग कमेटी में जिन सात सदस्यों को नामांकित किया है, उनमें एक ने सदन से इस्तीफा दे दिया है और उनकी जगह अन्य सदस्य आ चुके हैं। एक सदस्य की इसी बीच मृत्यु हो चुकी है और उनकी जगह कोई नए सदस्य नहीं आए हैं। एक सदस्य अमेरिका में थे और उनका स्थान भरा नहीं गया। एक अन्य व्यक्ति सरकारी मामलों में उलझे हुए थे और वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर रहे थे। एक-दो व्यक्ति दिल्ली से बहुत दूर थे और सम्भवत: स्वास्थ्य की वजहों से कमेटी की कार्यवाहियों में हिस्सा नहीं ले पाए। सो कुल मिलाकर यही हुआ है कि इस संविधान को लिखने का भार डॉ. आंबेडकर के ऊपर ही आ पड़ा है। मुझे इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि हम सब को उनका आभारी होना चाहिए कि उन्होंने इस जिम्मेदारी को इतने सराहनीय ढंग से अंजाम दिया है।’





संविधान कितने दिन में तैयार हुआ





 पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था। संविधान की मूल प्रति 16 इंच चौड़ी है। 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखा गई है। इस पांडुलिपि में 251 पृष्ठ शामिल थे।





भारत के संविधान का इतिहास





हमारा संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान का मिश्रण है। अंतिम रूप देने से पहले इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे। भारतीय संविधान के बारे में कहा जाए तो यह बहुत लंबा संविधान है। इसे दुनिया का लंबा संविधान कहा जाता है। अपने मूल रूप में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। हमारे संविधान में कुल 1,45,000 शब्द हैं, जो कि पूरे विश्व में सबसे लंबा अपनाया गया संविधान है। हालांकि, इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद, 25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5 परिशिष्ट भी हैं।



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