गैंगस्टर गोल्डी बराड़ आतंकी घोषित, UAPA के तहत भारत सरकार का कदम, जानें पुलिस वाले का बेटा कैसे बना 'क्राइम किंग'

author-image
Vikram Jain
एडिट
New Update
गैंगस्टर गोल्डी बराड़ आतंकी घोषित, UAPA के तहत भारत सरकार का कदम, जानें पुलिस वाले का बेटा कैसे बना 'क्राइम किंग'

NEW DELHI. नए साल के पहले दिन भारत सरकार ने विदेश में मौजूद मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्‍टर गोल्डी बराड़ के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित कर दिया। भारत सरकार ने UAPA में गोल्डी बरार को आतंकी घोषित किया है। गोल्डी बराड़ 29 मई 2022 को हुए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में मास्टर माइंड है। फिलहाल बराड़ कनाडा में छिपा है। गोल्डी बराड़ कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खास साथी है। गोल्डी बराड़ से पहले केंद्र सरकार ने लखबीर सिंह लंडा को आतंकी घोषित किया था।

गोल्डी बराड़ के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और हथियारों की तस्करी जैसे कई मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर चुका है। सिंतबर में गोल्डी बराड़ के ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की थी। इसके अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी बराड़ के जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने ही जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर ली थी। ब्रैम्पटन में छिपा गोल्डी बराड़ प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी जुड़ा है।

आखिर कौन है गोल्डी बराड़...

गैंगस्टर से आतंकी घोषित किया गया गोल्डी बराड़ पंजाब के श्री मुक्तसर साहेब का रहने वाला है। उसका जन्म 11 अप्रैल 1994 को हुआ था। गोल्डी बराड़ का असली नाम सतविंदर सिंह है। गोल्डी बराड़ के पिता पंजाब पुलिस से रिटायर्ड उप निरीक्षक हैं। पुलिस में सर्विस करने पिता तो गोल्डी को पढ़ा-लिखाकर पुलिस अफसर ही बनाने के ख्वाब देखा करते थे, लेकिन बेटा गोल्डी बदनाम गैंगस्टर और भारत का मोस्ट वॉन्टेड बन बैठा है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गोल्डी बराड़ अगस्त 2017 में स्टडी वीजा पर कनाडा गया था। कहते हैं कि 2020 में सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी के चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या हो गई थी इसके बाद लारेंस बिश्नोई के कहने पर मर्डर का बदला लेने के मकसद से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

दरअसल, गुरलाल बराड़ लॉरेंस का बेहद करीबी था। लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है। ऐसे में देश से बाहर बैठा गोल्डी ही सारे बड़े कांड करता है। गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई एक ही सिक्के के दो पहलू है, जेल में बैठकर बाहरी दुनिया में किस अपराध को कब और कहां अंजाम दिलवाना है? यह लॉरेंस बिश्नोई तय करता है, उसके बाद गोल्डी बराड़ तय करता है कि कैसे किसी आपराधिक घटना को अंजाम देना है। खुद लॉरेंस भी अपने इंटरव्यू में कह चुका है कि गोल्डी ने ही मूसेवाला की हत्या से लेकर बाकी अपराधों को अंजाम दिया है।

गोल्‍डी पर दर्ज हैं कई संगीन मामले

पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक गोल्डी बराड़ पिछले दस साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। गोल्‍डी पर मर्डर, अवैध हथियारों की सप्लाई, आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश में अवैध हथियार उपलब्ध करवाने जैसे संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं। अपराधी गोल्डी बराड़ के खिलाफ करीब 16 मुकदमे अलग-अलग राज्यों में दर्ज बताए जा रहे हैं। मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली, राजस्थान पुलिस को तो ऐसे खूंखार भगोड़ा घोषित गोल्डी बराड़ की तलाश हर वक्त रहती ही है।

रेड कॉर्नर नोटिस भी हो चुका जारी

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोपी गोल्डी बराड़ कनाडा में छिपा है। सितंबर में गोल्डी बराड़ के ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की थी। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी बराड़ के जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। पुलिस के मुताबिक गोल्डी चेहरा बदलकर बदलकर कनाडा में रहता है ताकि पकड़ में ना आ सके। पुलिस के पास इसकी पांच अलग-अलग रूपों की तस्वीरें हैं। इस गैंगस्टर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है। बताया जाता है कि गोल्डी बराड़ A प्लस कैटेगरी का गैंगस्टर है। इसके खिलाफ पंजाब में कई मामले दर्ज है जो इसने कनाडा में बैठकर करवाएं हैं।

गोल्डी से पहले लखबीर सिंह लंडा आतंकी घोषित

भारत सरकार ने गोल्डी बराड़ से पहले 30 दिसंबर को लखबीर सिंह लंडा को आतंकी घोषित किया था। आतंकी लखबीर सिंह लंडा पंजाब में आरपीजी हमले का मास्टरमाइंड है। इससे पहले लंडा के खिलाफ NIA 15 लाख रुपये का इनाम घोषित कर चुकी है। पंजाब के तरनतारन जिले के हरिके गांव का रहने वाला लखबीर फिलहाल कनाडा में छिपा है।

लखबीर सिंह लंडा के खिलाफ दर्ज मामले

एनआईए ने लखबीर सिंह के खिलाफ पिछले साल 20 अगस्त को आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 17, 18, 18-बी और 38 के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज किया था। लखबीर सिंह लंडा 2017 में हत्या, हत्या के प्रयास और एनडीपीएस में नामजद होने के बाद कनाडा भाग गया था। 2021 में अमृतसर के पट्टी में दो अकाली कार्यकर्ताओं की हत्या में उसका नाम आया था। पंजाब के मोहाली और तरनतारन में आरपीजी अटैक का लखबीर मास्टरमाइंड है। पंजाब में रंगदारी और सीमा पार से हथियार व नशे की तस्करी में भी शामिल हैं।

जानें क्या है UAPA कानून

सबसे पहले आपको बता दें कि UAPA का फुल फॉर्म Unlawful Activities (Prevention) Act होता है। इसका मतलब है- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम। यूएपीए कानून 1967 में लाया गया था, इस कानून को संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत दी गई बुनियादी आजादी पर तर्कसंगत सीमाएं लगाने के लिए लाया गया था, पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों से संबंधी POTA और TADA जैसे कानून खत्म कर दिए गए, लेकिन 2019 में संशोधन के बाद UAPA कानून पहले से ज्यादा मजबूत हुआ।

इस कानून का मुख्य काम आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या अन्य लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकी ग​तिविधियों में शामिल होते हैं, इसके लिए लोगों को तैयार करते हैं या फिर ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। इस मामले में एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां होती है। यहां तक कि एनआईए महानिदेशक चाहें तो किसी मामले की जांच के दौरान वह संबंधित शख्स की संपत्ति की कुर्की-जब्ती भी करवा सकते हैं।

अग्रिम जमानत मिलना संभव नहीं

जानकार बताते हैं कि अगर किसी शख्स पर UAPA के तहत केस दर्ज हुआ है, तो उसे अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती, यहां तक कि अगर पुलिस ने उसे छोड़ दिया हो तब भी उसे अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती। दरअसल, कानून के सेक्शन 43D (5) के मुताबिक, कोर्ट शख्स को जमानत नहीं दे सकता, अगर उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया केस बनता है। गैरकानूनी संगठनों, आतंकवादी गैंग और संगठनों की सदस्यता को लेकर इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।

New Delhi News नई दिल्ली न्यूज Gangster Goldie Brar What is UAPA law Sidhu Moosewala murder case गैंगस्‍टर गोल्डी बराड़ UAPA कानून क्या है सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड