NEW DELHI. जर्मनी में फंसी गुजरात की 20 महीने की बच्ची अरिहा शाह के मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। अरिहा नाम की इस बच्ची को जर्मनी के एक फोस्टर केयर (देख भाल करने वाली संस्था) में पिछले 20 महीने से रखा गया है। वही बच्ची की मां इस मामले में मोदी सरकार से लगातार हस्तक्षेप की मांग कर रही है। इस मामले को लेकर भारत सरकार ने इसी हफ्ते जर्मनी के राजदूत को तलब भी किया था।
क्या है मामला?
गुजरात का एक दंपती पिछले 18 महीने से अपनी बच्ची अरिहा से हजारों किलोमीटर की दूरी पर है और अपने बच्ची से मिलने की गुहार लगा रहा है। अहमदाबाद के भावेश और उनकी पत्नी धारा हिंदुस्तान में हैं, जबकि उनकी दो साल की बेटी अरिहा जर्मनी में है।
काला साबित हुआ जर्मनी की यात्रा का वह महीना
सितंबर 2021 का महीना इस परिवार के लिए काला साबित हुआ। वर्क वीजा पर जर्मनी की राजधानी बर्लिन गए इस गुजराती परिवार की दुनिया उस समय बिखर गई। जब अरिहा के प्राइवेट पार्ट पर चोट लग गई। इसके बाद आनन-फानन में अस्पताल ले जाने पर माता-पिता पर ही यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिया जाता है। इसके बाद अरिहा को जर्मनी प्रशासन ने फोस्टर केयर होम में भेज दिया। सितंबर 2021 के बाद से ही यह गुजराती परिवार अरिहा की कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
डेढ़ साल से अरिहा की मांग कर रहा है दंपती
यह गुजराती दंपती 18 महीने से जर्मनी सरकार से गुहार लगा रहा है कि उन्हें उनकी बेटी लौटा दी जाए। बता दें कि डॉक्टर जब अरिहा का इलाज कर रहे थे, तो उन्हें बच्ची के डाइपर पर खून मिला था। जिसके बाद बच्ची को प्रशासन ने फोस्टर केयर होम भेज दिया था। अरिहा तभी से फोस्टर केयर होम में ही है। वही बच्ची की मां धरा का कहना है कि इस साल अगस्त के अंत में अरिहा को फोस्टर केयर होम में दो साल पूरे हो जाएंगे। जर्मनी सरकार के नियमों के मुताबिक अगर किसी बच्चे को फोस्टर केयर होम में रहते हुए दो साल हो जाते हैं तो उस बच्चे को उनके माता-पिता को नहीं लौटाया जाता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की थी हस्तक्षेप की मांग
इससे पहले नवंबर 2022 में अरिहा की मां धारा शाह अपनी बेटी की कस्टडी पाने के लिए गुजरात में बीजेपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गई थीं। धारा शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी की थी। धारा शाह का मानना है कि अब सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही उनकी मदद कर सकते हैं।
जंतर मंतर पर कर चुके हैं प्रदर्शन
अरिहा की मां धारा का कहना है कि उनकी बेटी फिलहाल किसी ईसाई परिवार के पास है। उसने अब जर्मन भाषा बोलना भी शुरू कर दिया है। धारा का कहना है कि मामले की सुनवाई में सालों लग सकते हैं, लेकिन तब तक उन्हें बेटी अरिहा की कस्टडी मिलनी चाहिए या उसे किसी रिश्तेदार को सौंप देना चाहिए। बेटी अरिहा की कस्टडी की मांग को लेकर भावेश और धारा जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
भारत ने राजदूत को किया तलब
भारतीय बच्ची अरिहा की रिहाई को लेकर भारत सरकार ने इस हफ्ते जर्मनी के राजदूत फिलीप एकरमैन को तलब किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का कहना है कि अरिहा मामले को लेकर इस हफ्ते जर्मन राजदूत एकरमैन को तलब किया गया था। वहीं इस मामले पर भारत सरकार का कहना है कि बच्ची के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक माहौल का होना बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले साल दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरिहा मामले को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बायरबॉक के सामने चिंता जताई थी। अरिहा के परिजनों का आरोप है कि बच्ची को बर्लिन में 20 महीने से फोस्टर केयर सेंटर में रखा गया है।