NEW DELHI. NBS यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एक साल में 40 हजार करोड़ की ड्रग्स पकड़ी है। दरअसल, यह कार्रवाई एनबीएस ने अलग-अलग एजेंसी के साथ मिलकर ऑपरेशन समुद्रगुप्त के तहत की है। भारत में आने वाली ड्रग्स का सबसे बड़ा ऑपरेटिव पाकिस्तान का हाजी सलीम हैं। समुद्रगुप्त के तहत हुई कार्रवाई में ड्रग्स की सप्लाई हाजी सलीम द्वारा की गई थी। सप्लाई चेन पर नजर रखते हुए भारतीय खुफिया एजेंसी NIA, IB, RAW, NCB ने सख्त नजरें रखी थी।
भारत के अलग-अलग पोर्ट में पहुंच रही थी ड्रग्स
ड्रग्स तस्करी के इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी सामने आया है। भारत में भेजी जा रही ड्रग्स से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड को भी फंडिग मिल रही है। ऑपरेशन समुद्रगुप्त ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की पोल खोलकर रख दी है। इस ड्रग्स को समुद्र के रास्ते अलग-अलग रूट के जरिए भारत में अलग-अलग पोर्ट पर भेजा जा रहा था।
नया दाऊद इंडियन एजेंसी की रडार पर
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का यह ड्रग माफिया या नया दाऊद हाजी अली अब इंडियन एजेंसी के रडार पर है। ड्रग माफिया और ISI भारत में ड्रग की सप्लाई से करोड़ों रूपए का व्यापार कर रहे हैं। एक इंटरव्यू के दौरान NBS के डिप्टी डायरेक्टर, जनरल ऑपरेशन संजय सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि फरवरी, 2022 में ऑपरेशन समुद्रगुप्त लॉन्च किया गया था, जिसमें ये बात निकलकर सामने आई कि ड्रग्स ट्रैफिकिंग के लिए समुद्र का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसमें बड़े-बड़े सिंडिकेट शामिल हैं।
पहली बार में ही पकड़ी 700kg ड्रग
NBS के डिप्टी डायरेक्टर, जनरल ऑपरेशन संजय सिंह ने बताया- भारतीय नौसेना और कोस्टगार्ड की मदद से ऑपरेशन शुरू किया है। पाकिस्तान, बहरीन या दुबई बेस्ड तस्करों पर नजर रखी गई। इंडियन नेवी की मदद से हमने सबसे पहला ऑपरेशन हमने फरवरी 2022 में लांच किया था। पहली ही बार में NCB की टीम समुद्र के अंदर गई थी और नेवी के साथ मिलकर 700kg ड्रग्स पकड़ी थी।
समुद्री रास्ते से 6 ईरानी ला रहे थे ड्रग
संजय सिंह ने बताया कि कोच्चि में ड्रग्स पकड़ा था तो उस समय हमने गहरे समुद्र में ऑपरेशन चलाया था, जिसमें 6 ईरानी पकड़े थे। हाल ही में जो ऑपरेशन चलाया गया, उसमें 1 महीने तक हमारी टीम समुद्र में रही और आखिरकार हमने सफलता हासिल की। ये सबसे बड़ा ऑपरेशन इंडिया में हुआ। क्योंकि इस कार्रवाई के दौरान हमने पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा है। पुराने ड्रग्स की बरामदगी हुई उसकी जांच में पता चला है कि ये सिंडिकेट पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा है। ये लोग सामान्य तौर पर ईरानी बोट का इस्तेमाल करते हैं और मकरान कोस्ट, ग्वादर कोस्ट का प्रयोग करते हैं।
ऐसे देते हैं चकमा
NCB की जांच में यह बात सामने आई है कि इंडियन एजेंसी को चकमा देने के लिए तस्कर ईरानी बोट का इस्तेमाल करते हैं जबकि, ऑपरेशन सिंडिकेट पाकिस्तान से संचालित हो रहा था। कराची का रहने वाला हाजी सलीम इस पूरे गिरोह को संचालित करता है और ISI को भी फंडिग करता है। हालांकि हाजी सलीम तक अब तक हम नहीं पहुंच पाए हैं, हमने बहुत कोशिश की है, लेकिन इंटेलिजेंस रिपोर्ट जो है वो पाकिस्तान में हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने भी ये एडमिट किया है कि जो ड्रग्स मनी है वो ISI को फंडिंग करने में इस्तेमाल होती है। इसकी जानकारी हमने मालदीव और श्रीलंका को भी भेजा है। पकड़ी गई ड्रग की इंटरनेशनल मार्केट वैल्यू 40 हजार करोड़ की है।