रेलवे ने विंडो से बनवाए वेटिंग टिकट पर बड़ा बदलाव किया है। अब रेल यात्री वेटिंग टिकट पर एसी सहित अन्य रिजर्व कोच में यात्रा नहीं कर सकेंगे। अगर कोई यात्री विंडो से बनवाए वेटिंग टिकट पर ट्रेन के रिजर्व कोच में यात्रा करते पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा।
एसी कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर लगेगी 440 रुपए की पेनल्टी और ट्रेन के स्लीपर कोच में सफर पर 250 रुपए की पेनल्टी लगेगी।
ट्रेनों की सख्ती से होगी चेकिंग
अगर आपके पास ट्रेन का टिकट है और वह कंफर्म नहीं हैं तो आप ये सोचकर बिल्कुल भी ट्रेवल न करें की आगे चलकर सीट मिल जाएगी। पीएनआर पर एक सीट कंफर्म होने की उम्मीद में सभी यात्री सफर करते थे। इसकी वजह से ट्रेनों में जरूरत से ज्यादा भीड़ बढ़ जाती थी। अब ट्रेनों में ही सख्ती से चेकिंग की जाएगी।
इसलिए जुर्माने से बचना है तो ट्रेनों के स्लीपर और एसी क्लास में सिर्फ वे ही यात्री सफर करें, जिनके पास कंफर्म टिकट है। अगर कोई यात्री इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
इतना लगेगा जुर्माना
- एसी कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर 440 रुपए की पेनल्टी और अगले स्टेशन का किराया भी देना होगा।
- स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर 250 रुपए की पेनल्टी के साथ आगामी स्टेशन तक का किराया देना होगा।
भारतीय रेलवे में वेटिंग टिकट कई कारणों से जारी किए जाते हैं :
सीटें भर जाने पर
- यदि ट्रेन की सभी कन्फर्म टिकटें बिक जाती हैं, तो वेटिंग टिकट जारी किए जाते हैं।
- वेटिंग टिकट कोई गारंटी नहीं देता है कि आपको ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति मिलेगी।
- इससे सिर्फ ये समझ आता है कि आप यात्रा करना चाहते है और रिक्त सीट होने पर आपको यात्रा करने का अवसर मिल सकता है।
ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगने पर
कभी-कभी, यात्रियों की भारी मांग को पूरा करने के लिए ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाए जाते हैं। ऐसी स्थिति में, वेटिंग टिकट धारकों को इन अतिरिक्त कोचों में सीट आवंटित की जा सकती है।
रद्द किए गए टिकटों के मामले में
यदि कोई यात्री अपनी कन्फर्म टिकट रद्द करता है, तो वेटिंग टिकट धारक को उस सीट दी जा सकती है।
विंडो से वेटिंग टिकट कैसे बनता है
- रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर वेटिंग टिकट मिलता हैं।
- यात्रा का विवरण, जैसे प्रस्थान स्टेशन, गंतव्य स्टेशन, यात्रा की तारीख, ट्रेन नंबर और यात्रियों की संख्या बतानी होगी।
- टिकट काउंटर क्लर्क आपकी जानकारी को कंप्यूटर में दर्ज करेगा और आपको एक वेटिंग टिकट देगा।
- वेटिंग टिकट पर आपका वेटिंग नंबर, ट्रेन नंबर, यात्रा की तारीख होंगे।
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