Mumbai. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी माह की महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जनवरी के मुकाबले फरवरी में महंगाई दर में 0.08 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। जो कि आरबीआई की बर्दाश्त की सीमा से अभी भी ज्यादा है। मुमकिन है कि ऐसे में अप्रैल के महीने में आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। बता दें कि फरवरी में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 6.44 फीसद रहा है, जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसद थी। बीते साल की बात की जाए तो फरवरी 2022 में यह 6.07 फीसद थी।
देश में जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.52 फीसद पर पहुंच गई थी। यह खुदरा महंगाई दर का 3 महीने का उच्चतम स्तर था। यह दिसंबर 2022 में 5.72 फीसद और नवंबर 2022 में 5.88 फीसद पर रही थी। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगली कुछ तिमाही तक महंगाई और बढ़ने की संभावना नहीं है। लेकिन इसके कम होने की रफ्तार भी धीमी ही रहेगी। पिछले साल रुपए में 10 फीसद से ज्यादा गिरावट का असर भी महंगाई पर दिख सकता है।
- यह भी पढ़ें
खाने पीने की चीजें और ऊर्जा क्षेत्र को छोड़कर कोर इन्फ्लेशन में फिलहाल कोई कमी नजर नहीं आ रही है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक फरवरी में खुदरा महंगाई दर 6 फीसद की सीमा से ऊपर रहने के चलते आरबीआई की मौद्रिक नीति में ढिलाई की संभावना नहीं है। संभव है कि ब्याज दरें और बढ़ सकती हैं।
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। यदि महंगाई दर 7फीसद है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वह ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी।