NEW DELHI. हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल, शुक्रवार को फिर से सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जब भी कोई नफरत फैलाने वाला भाषण दिया जाए, वे बिना किसी शिकायत के एफआईआर दर्ज करने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि हेट स्पीच देने वाले व्यक्तियों के धर्म की परवाह किए बिना ऐसी कार्रवाई की जाए ताकि भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को जारी रखा जा सके। मामले में अगली सुनवाई 12 मई को होगी।
Supreme Court directs all the States and Union Territories to ensure that as and when any hate speech is made, they shall take suo moto action for registration of FIR even without any complaints.
Supreme Court makes it clear that such action shall be taken irrespective of the… pic.twitter.com/yFOlG6QQnq
— ANI (@ANI) April 28, 2023
कार्रवाई करते हुए धर्म की परवाह नहीं करनी चाहिए
कोर्ट ने कहा- ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए बयान देने वाले के धर्म की परवाह नहीं करनी चाहिए। इसी तरह धर्मनिरपेक्ष देश की अवधारणा को जिंदा रखा जा सकता है। कोर्ट ने अपने 2022 के आदेश का दायरा बढ़ाते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड सरकार को ये आदेश दिया था।
ये खबर भी पढ़ें...
हम धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए हैं? यह दुखद है
अदालत ने कहा कि हेट स्पीच एक गंभीर अपराध है, जो देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को प्रभावित कर सकता है। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम धर्म के नाम पर कहां पहुंच गए हैं? यह दुखद है। न्यायाधीश गैर-राजनीतिक हैं और उन्हें पार्टी ए या पार्टी बी से कोई सरोकार नहीं है। उनके दिमाग में केवल भारत का संविधान है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट देश के विभिन्न हिस्सों से दाखिल हेट स्पीच से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
कोर्ट ने अपने आदेश का दायरा बढ़ाया
पहले पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर नफरत फैलाने वाले बयान देने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकरों को ऐसे मामलों में बिना शिकायत के केस दर्ज करने का निर्देश दिया था। अब कोर्ट ने आदेश का दायरा बढ़ा दिया है।
देश में हेट स्पीच के मामले
जनवरी 2023: जदयू नेता मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा था- मुझे जितनी गालियां देनी है दे लो, लेकिन अगर मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकठ्ठा हुए हैं। उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे। कोई रियायत नहीं होगी।
फरवरी 2023: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं। तुम्हारे पूर्वज हिंदू नहीं, मनु थे यानी आदम।
फरवरी 2022: बाबा रामदेव ने कहा था कि इस्लाम धर्म का मतलब होता है कि हिंदुओं की लड़की को उठाओ तथा जेहाद के नाम पर आतंकवादी बनाओ। नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो, गुनाह माफ होगा।
अगस्त 2022: जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने सरकार के 'हर घर तिरंगा' के विरोध में कहा था तिरंगे का बहिष्कार करो, क्योंकि इस तिरंगे ने तुम्हें ही बर्बाद कर दिया है। हर हिंदू के घर पर हमेशा भगवा ध्वज होना चाहिए।