अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में मोदी ने चीन को दिया कड़ा संदेश, कहा- बातचीत के लिए एलएसी पर शांति जरूरी 

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Pratibha Rana
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अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में मोदी ने चीन को दिया कड़ा संदेश, कहा- बातचीत के लिए एलएसी पर शांति जरूरी 

NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे के लिए रवाना हो गए हैं और इससे पहले उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को इंटरव्यू दिया है। पीएम मोदी ने अमेरिकी दौरा शुरू करने से पहले इंटरव्यू में चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि चीन के साथ बातचीत के लिए एलएसी (LAC) पर शांति जरूरी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर भी कई बड़ी बातें कही हैं। बता दें पीएम मोदी आज (20 जून) सुबह 7 बजे अपने 3 दिन के अमेरिकी दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे में वो योग दिवस के खास कार्यक्रम समेत कई और अहम कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पीएम मोदी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के न्योते पर पहली बार राजकीय मेहमान बनकर अमेरिका जा रहे हैं। उनका ये अमेरिकी दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि वो वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सांसदों के संबोधित करेंगे। 



चीन को लेकर बोले मोदी



वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाली जरूरी है। संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही हम भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध हैं।



भारत-अमेरिका के बीच अभूतपूर्व संबंध- मोदी



मोदी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में भारत और अमेरिका के संबंधों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अभूतपूर्व संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच एक अभूतपूर्व विश्वास है।



भारत विश्व में नहीं लेना चाहता किसी का स्थान



मोदी ने आगे कहा- चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी है। भारत एक अधिक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफाइल और एक भूमिका का हकदार है। हम भारत को किसी देश की जगह लेने के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत द्वारा विश्व में अपना सही स्थान प्राप्त करने के रूप में देखते हैं। आज दुनिया पहले से कहीं अधिक परस्पर जुड़ी हुई और अन्योन्याश्रित है। लचीलापन पैदा करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक विविधीकरण होना चाहिए।



कूटनीति और संवाद से सुलझाने चाहिए विवाद



मोदी 'संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध हैं। सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को 'कूटनीति और संवाद' से सुलझाया जाना चाहिए, ना कि युद्ध से।'



भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है- मोदी



एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं, लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। दुनिया को पूरा भरोसा है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है। 'सुरक्षा परिषद की वर्तमान सदस्यता' का मूल्यांकन होना चाहिए और दुनिया से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह चाहती है कि भारत वहां रहे। भारत जो कुछ भी कर सकता है वह करेगा और संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करता है।



जैसा हूं, वैसा ही दुनिया के सामने पेश करता हूं



मोदी ने कहा, 'मैं स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं और इसीलिए मेरी विचार प्रक्रिया, मेरा आचरण, मैं जो कहता और करता हूं, वह मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। मुझे इससे अपनी ताकत मिलती है। मैं अपने देश को दुनिया के सामने वैसा ही पेश करता हूं, जैसा मेरा देश है, और खुद को, जैसा मैं हूं।'

 


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