NEW DELHI. इसरो 1 जनवरी को पहला पोलरिमेट्री मिशन लॉन्च करेगा। XPoSat ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों पर रिसर्च करेगा। स्पेस में भारत की तीसरी ऑब्जर्वेटरी होगी। सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9:10 बजे लॉन्चिंग होगी। इसमें PSLV-C58 के साथ एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट XPoSat को भेजेंगे।
अंतरिक्ष में भारत की तीसरी ऑब्जर्वेटरी
XPoSat एक्स किरणों का डाटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों पर रिसर्च करेगा। XPoSat, आदित्य L1 और एस्ट्रोसैट के बाद स्पेस में भारत की तीसरी ऑब्जर्वेटरी होगी। ये भारत का पहला और 2021 में लॉन्च नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर IXPE के बाद दुनिया का दूसरा पोलरिमेट्री मिशन होगा।
XPoSat क्या करेगा ?
XPoSat का टारगेट ब्रह्मांड के 50 सबसे चमकीले स्रोतों पर रिसर्स करना है। इसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनरिज, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लि, न्यूट्रॉन स्टार्स और नॉन-थर्मल सुपरनोवा के बचे हुए हिस्से शामिल होंगे। इस सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली 500-700 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। ये 5 साल तक डाटा कलेक्ट करेगा।
यूआर राव सैटेलाइट सेंटर और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया
XPoSat और उसके पेलोड को यूआर राव सैटेलाइट सेंटर और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। इससे स्पेस में दूर के सोर्स की जियोमेट्री और मैकेनिज्म के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी। एक्सपोसैट का प्राइमरी पेलोड POLIX स्पेस में इसके 8-30 keV फोटॉनों की मीडियम एक्स-रे एनर्जी रेंज में पोलराइजेशन की डिग्री और एंगल को मापेगा। वहीं सप्लीमेंट्री पेलोड XSPECT 0.8-15 keV की एनर्जी रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा। keV एक्स-रेज को मापने की यूनिट होती है, जिसे किलो इलेक्ट्रॉन वोल्ट कहते हैं।