बेहद खास है इसरो का आदित्य L-1 मिशन, मिशन सफल रहा तो उठेगा सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा, 15 लाख Km का पूरा करेगा सफर

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
बेहद खास है इसरो का आदित्य L-1 मिशन, मिशन सफल रहा तो उठेगा सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा, 15 लाख Km का पूरा करेगा सफर

BANGALORE. चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद भारतीय अतंरिण अनुसंधान संगठन इसरो, अब सूर्य के मिशन की तैयारी कर रहा है। अगले महीने से शुरू होने जा रहे इस मिशन से इसरो के वैज्ञानिकों को काफी उम्मीदें हैं। इस मिशन के जरिए स्पेस में मौसम के परिवर्तन, सूर्य की बाहरी परत के तापमान, सौर तूफानों के उत्सर्जन के साथ-साथ पराबैंगनी किरणों के धरती पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। मिशन सूर्य की बनावट और उसके भौतिक गुणों के बारे में भी कई जानकारियां एकत्रित करेगा। 



संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसरो अपने इस सूर्य मिशन की शुरुआत 2 सितंबर को कर सकता है। साइंटिस्ट का मानना है कि मिशन के तहत कई प्रकार का डाटा संग्रहित किया जाएगा ताकि कोई ऐसा सिस्टम बनाया जा सके कि नुकसानदायक सौर पवन और तूफान की जानकारी मिलते ही सावधानी का अलर्ट जारी किया जा सके। 



पुणे में तैयार हुआ है टेलीस्कोप



इसरो के सूर्य पर अध्ययन के लिए शुरु होने वाले इस मिशन के लिए पुणे के इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप तैयार कराया गया है। आदित्य एल-1 को सूर्य-पृथ्वी की व्यवस्था के लाग्रेंज प्वाइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। 



सूर्य पर होने वाले विस्फोटों का भी अध्ययन



इस मिशन के तहत सूर्य की सतह पर होने वाले विस्फोटों का भी अध्ययन करेंगे। आदित्य एल-1 के साथ 7 पेलोड भी भेजे जाएंगे जो सूर्य के प्रकाश मंडल, वर्णमंडल के साथ-साथ सबसे बाहरी परत कोरोना का अध्ययन करेंगे। बाकी के 7 पेलोड सूर्य पर नजर रखेंगे। सूरज की ऊपरी सतह पर कुछ विस्फोट होते रहते हैं, इन विस्फोटों के बारे में भी अभी ज्यादा कुछ जानकारी हासिल नहीं है। इस मिशन से इस बारे में भी काफी कुछ जानकारियां हासिल हो सकेंगी। 



अल्ट्रावायलेट किरणों का भी होगा अध्ययन



वैज्ञानिकों का कहना है कि आदित्य एल-1 धरती से सूरज की तरफ जाएगा और सूर्य से जुड़े कई विषयों पर अध्ययन करेगा। पराबैंगनी किरणों के पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन भी इनमें से एक है। बता दें कि इससे पहले दुनिया में इस तरह का अल्ट्रावायलेट किरणों का अध्ययन नहीं किया गया है। 


ISRO's Aditya L-1 mission will reveal many mysteries of the Sun will complete the journey of 1.5 million km many expectations from the mission इसरो का आदित्य L-1 मिशन उठेगा सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा 15 लाख Km का पूरा करेगा सफर मिशन से कई उम्मीदें