Jagannath Puri Mandir Mystery : भगवान जगन्नाथ का मंदिर 800 साल से भी ज्यादा पुराना है। जगन्नाथ स्वामी के मंदिर में लाखों भक्त उनके दर्शन करने आते हैं। भगवान जगन्नाथ के दर्शन के साथ भक्त चमत्कार भी देखते है, जो किसी रहस्य से कम नहीं है। पवित्र मंदिर में आज भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब विज्ञान भी नहीं खोज पाया है। कहते हैं भगवान की लीला अपरंपार है। वो चाहें तो राजा को भिखारी और भिखारी को राजा बना दें। सिर्फ दर्थन मात्र से जहां मन की हर मुराद पूरी हो जाती है, पुरी के उसी भगवान जगन्नाथ मंदिर में आज भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब बड़े से बड़े वैज्ञानिक आज तक पता नहीं लगा पाए।
रहस्य मंदिर की परछाईं का
भगवान जगन्नाथ का मंदिर 214 फीट ऊंचा है लेकिन इस मंदिर की परछाई आजकर किसी ने नहीं देखी है। भगवान जगन्नाथ के मंदिर का ऊपरी हिस्सा विज्ञान के नियम को चुनौती देता है कि जो चीज दुनिया में है उसी परछाई होती है, लेकिन मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य ही रहती है। ऐसा क्यों होता है इसके ऊपर कई वैज्ञानिकों ने खोज की लेकिन किसी को भी इसका जवाब किसी को नहीं मिल पाया है।
विपरित दिशा में लहराता ध्वज
मंदिर के सबसे ऊपरी हिस्से पर एक ध्वज लहराता है। जिसे हर दिन बदल दिया जाता है। कहा जाता है कि अगर किसी भी दिन ये ध्वज नहीं बदला गया तो ये मंदिर अगले 18 सालों के लिए बंद हो सकता है। ध्वज से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि ये हमेशा हवा के विपरीत दिशा में ही लहराता है। मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है। कहा जाता है कि पुरी के किसी भी कोने से अगर इस सुदर्शन चक्र को देखा जाए तो उसका मुंह आपकी तरफ ही नजर आता है।
मंदिर के ऊपर से नहीं गुजरते हवाई जहाज या पक्षी
भगवान जगन्नाथ के मंदिर के ऊपर से आजतक कोई भी हवाई जहाज और पक्षी नहीं उड़ा है। मंदिर के पास आते ही किसी भी हवाई जहाज या पक्षी की दिशा अपने आप बदल जाती है, यह भी एक रहस्य ही है, जिसका पता आज तक कोई भी वैज्ञानिक नहीं लगा पाए हैं। इतना ही नहीं किसी भी मंदिर में आपको पक्षियों की कमी नहीं दिखेगी, लेकिन ये एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां कभी भी पक्षी नजर नहीं आते हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी रसोई का रहस्य
भगवान जगन्नाथ मंदिर में जो रसोई है वो दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है क्योंकि यहां जो भी प्रसाद बनता है उसे मिट्टी के बर्तन में ही बनाया जाता है। लेकिन रहस्य वाली बात ये है कि बर्तन के ऊपर बर्तन रखकर आप कितनी भी ऊचाई करके प्रसाद बनाएं लेकिन ये प्रसाद ऊपर से नीचे पकता है ना ही नीचे से ऊपर, तो विज्ञान यहां भी फेल हो जाता है कि आग के संपर्क में आने वाली जो चीज सबसे दूर है वो सबसे पहले कैसे प्रभावित होती है।
प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता
कहते हैं साक्षात भगवान इस प्रसाद को अपने भक्तों के लिए बनाते हैं। दिन में कितने लाखों करोड़ों भक्त क्यों ना आ जाएं ये प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता और जैसे ही मंदिर के कपाट बंद होने का समय आता है प्रसाद अपने आप ही खत्म हो जाता है यानि आजतक इस मंदिर में बने प्रसाद का एक भी कण बर्बाद नहीं होता।
इन सवालों का जवाब आज भी रहस्य है
भगवान है और वो चमत्कार करते हैं ये सब बातें विश्वास की हैं। कहते हैं भगवान पर विश्वास करके देखो जिंदगी से जुड़े हर सवाल का जवाब ना मिल जाए तो कहना। भगवान तो आपके हर सवाल का जवाब दे ही देते हैं। उड़ीसा के प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ पुरी के मंदिर में आज भी ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब किसी वैज्ञानिकों को नहीं मिल पाया है।
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