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सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी में कहा है कि 'जय श्री राम' का नारा लगाना अपराध नहीं हो सकता। कर्नाटक के एक मामले में, जहां मस्जिद में धार्मिक नारा लगाने के आरोप लगे थे, कोर्ट ने पूछा कि यह कैसे किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इस मामले में कोई आपराधिक तत्व नहीं हैं।
जय श्रीराम का नारा अपराध कैसे : SC
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि किसी धार्मिक नारे के कारण किसी वर्ग की भावनाएं आहत कैसे हो सकती हैं। दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
मस्जिद में आए लोगों की पहचान कैसे की?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि जिन लोगों पर आरोप लगाया जा रहा है, उनकी पहचान कैसे हुई? सीसीटीवी फुटेज का हवाला देने पर भी कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए जनवरी 2025 की तारीख तय की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से राज्य पुलिस द्वारा पेश सबूतों का विवरण मांगा है।
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