नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah ) ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद अगर उनकी सरकार बनेगी तो सबसे पहले राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने के केंद्र सरकार( Central government ) के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे।
चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद आया उमर का बयान
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Former Chief Minister Omar Abdullah ) का ये बयान उस समय आया है जब भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India ) द्वारा जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है।
तीन फेज में होगी वोटिंग
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir ) में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। घाटी में पिछली बार विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में हुए थे। आपको बताते चले कि जम्मू-कश्मीर में 19 दिसंबर 2018 से राष्ट्रपति शासन (President’s Rule ) लगा है।
पहले चुनाव ना लड़ने का उमर लिया था फैसला
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव (assembly elections ) के ऐलान के बाद उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने तक चुनाव में भाग नहीं लेने की बात ही थी।
फारूक अब्दुल्ला ने की केंद्र की सराहना
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir ) के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ( Farooq Abdullah ) ने केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार के शासन के खत्म होने की उम्मीद जताते हुए कहा था कि मैं इस फैसले के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि हम संसदीय चुनावों (parliamentary elections ) के लिए तैयार थे और हमने अनुरोध किया था कि विधानसभा चुनाव (assembly elections ) भी उसी समय कराए जाएं।
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