जन औषधि केंद्र : इस बिजनेस को खोलने के लिए सरकार खुद दे रही मदद, एवर ग्रीन है ये फील्ड

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस और डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होना आवश्यक है। एससी, एसटी, और दिव्यांग वर्ग के लोगों को 50 हजार रुपए की एडवांस सहायता भी दी जाती है।

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Dolly patil
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जन औषधि केंद्र
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आज के समय में हर कोई ऐसा बिजनेस करना चाहता है, जिसमें सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता मिल सके। अगर आप भी बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं, तो जन औषधि केंद्र ( Jan Aushadhi Kendra ) खोलने का विचार कर सकते हैं। सरकार इस बिजनेस में न केवल आपको सब्सिडी देती है, बल्कि इसे खोलने पर कई अन्य फायदे भी प्रदान करती है तो आइए जानते हैं औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया और इसके लाभों के बारे में… 

जन औषधि केंद्र खोलने के फायदे

जन औषधि केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य है कि आम जनता को कम कीमत पर दवाइयां मिल सकें। सरकार द्वारा इस केंद्र को खोलने पर आपको 15% तक का इंसेंटिव मिलता है। इसका मतलब है कि जितनी अधिक दवाइयां आप बेचेंगे, उतना ही अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। इसके अलावा, सरकार ने मार्च 2024 तक देशभर में 10,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। यह योजना न केवल बिजनेस के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे लोगों को सस्ती दवाइयां भी मिल रही हैं।

कैसे खोलें जन औषधि केंद्र?

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सबसे पहले आपको रिटेल ड्रग सेल्स ( Retail Drug Sales ) का लाइसेंस लेना होगा। इस लाइसेंस के लिए आप सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.janaushadhi.gov.in  पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां आपको एक फॉर्म डाउनलोड करना होगा, जिसे भरकर ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया ( Bureau of Pharma Public Sector Undertaking of India ) को भेजना होगा। फॉर्म को जनरल मैनेजर के नाम पर भेजा जाएगा।

कौन कर सकता है आवेदन?

  • जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन श्रेणियां बनाई हैं। 
  • पहली श्रेणी: कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर इस बिजनेस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • दूसरी श्रेणी: ट्रस्ट, एनजीओ और प्राइवेट अस्पताल जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं।
  • तीसरी श्रेणी: राज्य सरकार द्वारा नामांकित एजेंसियां इस योजना के तहत जन औषधि केंद्र खोल सकती हैं।

डिग्री की आवश्यकता

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास डी फार्मा ( D Pharma ) या बी फार्मा ( B Pharma ) की डिग्री होनी चाहिए। लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय इस डिग्री का प्रमाण देना आवश्यक है। खास बात यह है कि यदि आप एससी, एसटी, या दिव्यांग वर्ग से आते हैं तो आपको सरकार द्वारा 50,000 रुपए एडवांस दिए जाएंगे, जिससे आपकी शुरुआती लागत कम हो जाएगी।

फायदे और अवसर

जन औषधि केंद्र खोलने का यह बिजनेस आइडिया न केवल लाभकारी है, बल्कि इसे शुरू करने के लिए सरकार की सहायता भी प्राप्त होती है। इसके अलावा, इस योजना के तहत आप सस्ती और प्रभावी जेनरिक दवाइयां बेचकर समाज की सेवा भी कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर एक अच्छा अवसर है, जो फार्मेसी या मेडिकल क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहते हैं।

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