BHOPAL. मोदी सरकार ने लोकसभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल, 2023 को पेश किया। जन विश्वास बिल लोकसभा में पास हो गया है। हालांकि राज्यसभा में इसका पेश होना बाकी है। इस बिल से सरकार 19 मंत्रालयों से जुड़े 42 कानूनों के 182 प्रावधानों को जेल की सजा से मुक्ति देने जा रही है। अब खराब दवा बनाने वालों को जेल नहीं होगी। वहीं इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि ये सही नहीं है। दवाओं की क्वालिटी से समझौता नहीं होना चाहिए।
जनविश्वास बिल राज्यसभा में पेश होना बाकी
बता दें, कई जरूरी कानूनों को अपराध के दायरे से बाहर निकाला जा रहा है। इसमें ड्रग्स और कास्मेटिक एक्ट, फार्मेसी एक्ट, फूड सेफ्टी एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट सेमत कई अन्य प्रावधान शामिल हैं। हालांकि इसपर एक्सर्ट खुश नहीं है। उनका कहना है कि दवाओं की क्वालिटी जैसे जरूरी मामले में जेल की सजा को खत्म करना सही नहीं है। इससे आरोपियों के अपराध को बढ़ावा देना है।
देश में बन रहीं हैं 65000 से अधिक जेनरिक दवाएं
वहीं पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव का कहना है कि छोटे मामलों की आड़ में बड़े मामलों को अपराध से मुक्त करना ठीक नहीं है। ड्रग्स और फार्मेसी के मामले में हमारे देश में क्वालिटी कंट्रोल और नियमों के उल्लंघन के मामले से निपटने की लचर व्यवस्था को देखते हुए आपराधिक सजा का डर बरकरार रखा जाना जरूरी है। भारत में 6500 से ज्यादा जेनरिक दवाएं बन रहीं हैं।