भारत के महान रत्न और टाटा समूह के दिवंगत चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) की दूरदर्शी सोच और परोपकारी व्यक्तित्व के लिए उनका नाम भारतीय उद्योग जगत में बहुत सम्मान से लिया जाता है। यही कारण है कि जब 2022 में बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने अपने पैकेज्ड मिनरल वाटर ब्रांड को बेचने का फैसला किया, तो रतन टाटा ने उसे खरीदने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव ने उद्योग जगत को चौंका दिया। किन इस बीच बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान (Jayanti Chauhan) ने टाटा समूह के ऑफर को ठुकरा दिया था।
बिसलेरी कंपनी को बेचने की नौबत क्यों आई?
दरअसल, बिसलेरी (Bisleri) के मालिक रमेश चौहान, जिन्हें ‘एक्वा किंग’ के नाम से भी जाना जाता है। रमेश चौहान ने बिसलेरी की स्थापना के बाद इसे भारत में पैकेज्ड मिनरल वाटर बाजार का राजा बना दिया। लगभग 55 साल से बिसलेरी का भारतीय बाजार में दबदबा था, लेकिन साल 2022 में अचानक चौहान ने इस बड़े कारोबार को बेचने का विचार किया। इसका कारण उनकी बढ़ती उम्र और सेहत के साथ ही व्यावसायिक जिम्मेदारियों को संभालने में असमर्थता था। इस फैसले से कारोबार जगत में हलचल मच गई।
लिया था कंपनी बेचने का फैसला
बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने ऐलान किया कि वो अपना बिसलेरी का कारोबार बेचना चाहते हैं, इसके साथ ही मन का दर्द भी बताया, उन्होंने कहा कि उम्र और सेहत की वजह से वे आगे बिसलेरी के कारोबार की जिम्मेदारी नहीं उठा पा रहे है, और उनकी इकलौती बेटी जयंती चौहान कारोबार को चलाने में दिलचस्पी नहीं रखती, इस स्थिति में उन्होंने कारोबार बेचने का फैसला लिया है।
रतन टाटा ने रखा था बिसलेरी को खरीदने का प्रस्ताव
इस घोषणा के बाद, बिसलेरी के लिए संभावित खरीददारों की कतार लग गई। टाटा समूह, पेप्सी, और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों ने बिसलेरी को खरीदने की इच्छा जताई। इनमें सबसे प्रमुख था रतन टाटा का प्रस्ताव, जिसमें उन्होंने बिसलेरी को 7000 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रस्ताव रखा। लेकिन इस ऑफर को जयंती चौहान ने रिजेक्ट कर दिया। जयंती से कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही तमाम कंपनियों को दो टूक में जवाब दिया कि बिसलेरी कंपनी बिकाऊ नहीं है। इसके बाद उन्होंने कंपनी की कमान खुद संभालने का बड़ा फैसला किया। भारतीय पैकेज्ड वाटर सेक्टर में बिसलेरी की 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस कंपनी ने भारत में करीब 122 प्लांट खोले हैं। जिसके 4 हजार 500 से ज्यादा डिस्ट्रिब्यूटर हैं।
जयंती ने रिजेक्ट किया था ऑफर
रतन टाटा ने बिसलेरी को टाटा समूह में शामिल करने के लिए 7000 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था। यह प्रस्ताव भारतीय कारोबारी जगत के लिए एक बड़ी खबर बन गया था, क्योंकि टाटा समूह के पास पहले से ही कई प्रमुख ब्रांड्स जैसे हिमालयन और टाटा कॉपर+ मौजूद थे, जो बिसलेरी के लिए प्रतिस्पर्धा का कारण बन सकते थे। लेकिन जयंती चौहान ने बिसलेरी के कारोबार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए टाटा समूह का प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिया। जयंती का मानना था कि बिसलेरी का भविष्य उनके हाथों में है और वह इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। बिसलेरी की जिम्मेदारी को अपने हाथ में लेने के बाद जयंती चौहान ने अपने पिता रमेश चौहान की कंपनी में नई जान फूंक दी।
सालभर में कमा लिए 2300 करोड़ रुपए
दरअसल, जयंती पहले फैशन और फोटोग्राफी में दिलचस्पी दिखा रही थी, लेकिन बुजुर्ग पिता की चिंता और मजबूरी बेटी को सालों की मेहनत से खड़े किए बिसलेरी के कारोबार में खींच लाई, इसके बाद जयंती ने कारोबार को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने न केवल कंपनी का मुनाफा बढ़ाया बल्कि अब वह बेवरेज सेगमेंट में मुकेश अंबानी, टाटा समूह और पेप्सी को टक्कर दे रही हैं। बोलतबंद पानी के कारोबार में बिसलेरी का दबदबा है। जयंती के नेतृत्व में बिसलेरी इंटरनेशनल ने साल 2022-23 में 2 हजार 300 करोड़ रुपए का बिजनेस किया।
इकलौती बेटी ने मजबूत किया पिता का कारोबार
जयंती चौहान ने बिसलेरी को अपने तरीके से संचालित करना शुरू किया, तो उन्होंने न केवल ब्रांड मार्केटिंग और डिजिटल रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि नए प्रोडक्ट लॉन्च भी किए। जैसे कि रेव, पॉप और स्पाइसी जीरा, जो कोला, ऑरेंज और जीरा के फ्लेवर में थे। इन नए उत्पादों की मदद से बिसलेरी ने पैकेज्ड पानी के बाजार में अपनी स्थिति मजबूत की। नए प्रोडक्टों को प्रमोट करने के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग कैपेंन शुरू किया। मार्केटिंग में माहिर जयंती चौहान कंपनी में विज्ञापन कैंपेन की कमान संभालती हैं। ग्लोबल लेवल पर भी ब्रांड को बढ़ाने में जयंती की बड़ी भूमिका रही है।
24 साल की उम्र में संभाला कारोबार
जयंती चौहान का जन्म दिल्ली में हुआ था, और 10वीं तक की पढ़ाई के बाद उन्होंने आगे की शिक्षा के लिए मुंबई का रुख किया। जयंती ने फिर न्यूयॉर्क के लॉस एंजलिस स्थित फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड मर्केंडाइजिंग (FIDM) से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने लंदन कॉलेज ऑफ फैशन से फैशन फोटोग्राफी और स्टाइलिंग में शिक्षा प्राप्त की। हालांकि, फैशन इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने का सपना देखने वाली जयंती ने बहुत कम उम्र में अपने पिता के व्यवसाय को संभालना शुरू किया। महज 24 साल की उम्र में, जब वे फैशन में अपना भविष्य संवारने की तैयारी कर रही थीं, तब उन्होंने बिसलेरी के कारोबार में हाथ बंटाने का फैसला किया। जयंती चौहान ने बिसलेरी की मार्केटिंग टीम की नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली और उसकी दिशा को नया मोड़ दिया। उन्होंने कंपनी के विज्ञापन, ब्रांड मैनेजमेंट, और डिजिटल मार्केटिंग की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया। उनका नेतृत्व उस समय के दौरान दिखा, जब बिसलेरी ने दिल्ली और मुंबई में अपने कार्यालय स्थापित किए।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक