झांसी के अस्पताल में आग, 10 नवजातों की मौत, 35 खिड़की तोड़कर बचाए गए

झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग से 10 नवजातों की मौत। चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन मोहर ने जानकारी दी कि हादसा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) में आग लगने के कारण हुआ।

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Sourabh Bhatnagar
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Jhansi Medical College Fire
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उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (NICU - Neonatal Intensive Care Unit) में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आग के कारण 35 नवजातों को बचा लिया गया है।  

आग लगने की वजह

झांसी के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन मोहर ने जानकारी दी कि हादसा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) में आग लगने के कारण हुआ। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) आग लगने की वजह हो सकती है। मेडिकल स्टाफ ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन एनआईसीयू का वातावरण अधिक ऑक्सीजिनेटेड होने की वजह से आग तेजी से फैल गई।  

जांच और राहत कार्य 

घटना के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू किया गया। डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि जांच के लिए कमिश्नर और डीआईजी की निगरानी में एक समिति बनाई गई है। समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री Yogi Adityanath को सौंपेगी।

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मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर इस हादसे को हृदयविदारक बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

झांसी हादसे की तीन बड़ी खामियां  

एक ही एंट्री और एग्जिट का रास्ता  

एनआईसीयू (NICU) के दो भागों में बच्चों को रखा गया था। क्रिटिकल केयर यूनिट, जो अंदरूनी हिस्से में थी, वहां सबसे अधिक बच्चों की मौत हुई। इसका कारण यह था कि एंट्री और एग्जिट के लिए केवल एक ही रास्ता था, जो धुएं से भर गया। इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावी रूप से नहीं हो सका।  

फायर अलार्म सिस्टम फेल

सूत्रों के अनुसार, अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम तो मौजूद था, लेकिन उसका मेंटेनेंस लंबे समय से नहीं हुआ था। अलार्म समय पर नहीं बजा, जिससे स्थिति बिगड़ गई। यदि यह सिस्टम ठीक से काम करता, तो अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।  

स्टाफ पर लापरवाही के आरोप  

मृत बच्चों के परिजनों का आरोप है कि हादसे के दौरान पैरामेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों ने बच्चों को बचाने की कोशिश नहीं की। परिजनों के मुताबिक, स्टाफ हादसे के समय वहां से भाग गया। हालांकि, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ खुद सुरक्षित रहे और किसी को कोई चोट नहीं आई।  

NOTE : यह रिपोर्ट केवल हादसे की संभावित खामियों को उजागर करने के लिए तैयार की गई है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट जानकारी सामने आएगी।

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