NEW DELHI. झारखंड की राजनीति में आज बड़ा बदलाव होने जा रहा है। झारखंड के पूर्व सीएम और दिग्गज आदिवासी नेता चंपई सोरेन बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं। चंपई के बेटे बाबूलाल भी बीजेपी में शामिल होंगे। चंपई अपने बेटे के साथ रांची के शहीद मैदान में होने वाले कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता लेंगे। झारखंड बीजेपी सह प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा चंपई सोरेन को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे।
JMM से क्यों अलग हुए चंपई सोरेन
कई दिनों से नाराज चल रहे पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कुछ दिन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा से नाता तोड़ लिया था। अपने इस्तीफे में चंपई ने शिबू सोरेन को लेकर लिखा था कि पार्टी रास्ते से भटक चुकी है। कभी सोचा था कि जेएमएम से इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके साथ ही चंपई सोरेन ने पार्टी नेतृत्व पर अपमान करने का आरोप लगाते हुए जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर घोषणा की थी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा देने के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। आखिरकार यह बात सच साबित हुई। इधर, अमित शाह से मुलाकात के बाद सीएम हिमंत सरमा ने कई दिन पहले चंपई के बीजेपी में शामिल होने की पुष्टि कर दी थी। हिमंत सरमा ने कहा था कि चंपई बीजेपी की सदस्यता लेंगे।
चंपई की एंट्री से खुश नहीं बाबूलाल मरांडी?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चंपई सोरेन के भारमें आने से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी खुश नहीं हैं। इसलिए पिछले हफ्ते तक वे सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से साफ इनकार करते रहे।
बिगाड़ सकते हैं कोल्हन में झामुमो का खेल
चंपई सोरेन कोल्हान डिवीजन में अकेले प्रभावशाली नेता हैं। चंपई 7 बार विधायक रह चुके हैं। साथ ही सरायकेला से चुनाव जीतते आ रहे हैं। उन्हें कोल्हान का टाइगर भी कहा जाता है। सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद JMM में उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। दरअसल, चंपई संथाल जनजाति से आते हैं और वे संथाल जनजाति के लोगों को खास संदेश देकर JMM के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। कोल्हान डिवीजन में 14 विधानसभा सीटें हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में इस डिवीजन में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था।
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