रांची. झारखंड के देवघर में त्रिकुट रोपवे की 18 ट्रॉलियों में फंसे 30 लोगों का रेस्क्यू अभियान अभी भी चल रहा है। यह सभी लोग रविवार शाम 5 बजे से 1000 हजार फीट की ऊंचाई पर झूलती हुई ट्रालियों में फंसे हैं। सभी को बचाने के लिए आईटीबीपी, सेना और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है। मौके पर सेना के दो MI-17 हेलिकॉप्टर पहुंचे हैं, लेकिन रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं। सोमवार दोपहर 12 बजे से दोबारा MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया। कुल मिलाकर पिछले 21 घंटे में 18 श्रद्धालुओं का बचाया गया। अब तक दो लोगों की मौत हो गई।
डर खत्म करने रातभर करते रहे बात
अभी तक रेस्क्यू किए गए 18 लोगों में कई बच्चे भी शामिल हैं। इन बच्चों को कैंप में लाकर खाना-पानी दिया जा रहा है। करीब 48 लोग पूरी रात इन ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए गए लोगों ने बताया कि डर खत्म करने के लिए हम एक दूसरे से बात करते रहे। हम सभी पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी हम बच जाएं।
कैसे हुआ हादसा ?
पर्यटकों के मुताबिक, देवघर में त्रिकुट रोपवे में ऊपर से नीचे आ रही एक ट्रॉली की टक्कर नीचे से ऊपर जा रही ट्रॉली से हो गई। इसके बाद कई ट्रॉलियां अपनी जगह से हट गईं और डिस्प्लेस हो गईं। जब यह हादसा हुआ, तब रोपवे की तारों के अलग-अलग हिस्सों पर करीब दो दर्जन ट्रालियां थीं। कुछ ट्रालियों का रेस्क्यू तुरंत कर लिया गया, लेकिन कई काफी ऊंचाई पर फंस गईं।
मौके पर तुरंत एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। एनडीआरएफ की टीम को ऊंचाई की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा। फंसे लोगों तक ड्रोन के जरिए खाना और पानी पहुंचाया जाने लगा। इसके बाद सोमवार सुबह रेस्क्यू की कमान खुद सेना ने संभाली और मौके पर सेना के दो MI-17 हेलिकॉप्टर पहुंचे।
सेना को भी रेस्क्यू में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। दो पहाड़ों के बीच में फंसी ट्रालियां और नीचे हजार फीट की खाई है। ऐसे में सेना के जवान बहुत सूझबूझ के साथ रेस्क्यू चला रहे हैं। हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू में फिलहाल दिक्कत आ रही है, क्योंकि जैसे ही हेलिकॉप्टर ट्राली के पास पहुंचता है तो उसकी हवा से सभी ट्रालियां हिलने लग रही हैं। फिलहाल सेना ने अभी डबल इंजन के चॉपर को मंगाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके साथ ही रेस्क्यू की रणनीति में बदलाव किया गया है।