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New Launches: भारत के टेलीकॉम सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आया है। देश की सबसे बड़ी दो प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां, रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने अपने सबसे बेसिक 1GB daily data वाले प्रीपेड प्लान्स बंद कर दिए हैं।
इसका सीधा असर लाखों ग्राहकों पर पड़ेगा क्योंकि अब उन्हें ज्यादा डेटा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। यह कदम टैरिफ बढ़ोतरी की ओर एक बड़ा इशारा माना जा रहा है जिसकी उम्मीद काफी समय से की जा रही थी।
जानकारों और इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि 5G सेवाओं के आने के बाद से ही 1 GB वाले प्लान्स की मांग कम हो गई थी। कस्टमर अब ज्यादा डेटा इस्तेमाल कर रहे हैं और बड़े डेटा प्लान्स में अपग्रेड हो रहे हैं।
यह एक सोची-समझी रणनीति है जिसका मकसद एआरपीयू को बढ़ाना है। यह कंपनियों के मुनाफे के लिए बहुत जरूरी है खासकर जब उन्हें 5G नेटवर्क पर भारी निवेश करना पड़ा है।
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ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?
यह बदलाव ग्राहकों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब उनके पास सस्ते प्लान का ऑप्शन नहीं रहा।
जियो का नया प्लान स्ट्रक्चर
- जियो (Jio 5G service) ने अपनी वेबसाइट, MyJio ऐप और दूसरे रिचार्ज पोर्टल्स से अपने 28 दिनों की वैलिडिटी वाले 249 रुपए के 1 GB daily data प्लान को हटा दिया है।
- इसका मतलब है कि जियो के ग्राहकों के लिए सबसे सस्ता डेली डेटा प्लान अब 299 रुपए का हो गया है, जिसमें उन्हें हर दिन 1.5 GB डेटा मिलता है।
- पुराने 249 रुपए के प्लान में जहां सिर्फ 1 GB डेटा मिलता था, वहीं अब ग्राहकों को 50 रुपए ज्यादा खर्च करके 1.5 GB डेटा मिलेगा।
एयरटेल भी राह पर
- एयरटेल (airtel data) ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। उसका 1.5 GB वाला प्लान अब 279 रुपए का हो जाएगा, जो पहले 249 रुपए का था और उसमें कम डेटा मिलता था।
- एयरटेल (एयरटेल रीचार्ज प्लान) का यह कदम भी टैरिफ में वृद्धि की ओर साफ संकेत देता है।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब मार्केट की दो सबसे बड़ी कंपनियां ऐसा कर रही हैं, तो वोडाफोन आइडिया जैसी तीसरी कंपनी भी यही करेगी।
- कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के लिए एआरपीयू बढ़ाना बहुत जरूरी है ताकि उसका फाइनेंशियल परफॉरमेंस बेहतर हो सके।
इंडस्ट्री पर्सपेक्टिव
इस कदम को टेलीकॉम कंपनियों की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) में टेलीकॉम प्रैक्टिस के हेड, विनीश बावा ने कहा, "शुरुआती स्तर के प्लान को बंद करना और ज्यादा डेटा वाले पैक पर स्विच करना ग्राहक खर्च की सीमा बढ़ाने की एक सोची-समझी रणनीति को दर्शाता है।"
यह ड्रिल कस्टमर्स को प्रति यूजर एवरेज रेवेनुए (ARPU - Average Revenue Per User) बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। इसका मतलब है कि कंपनियां कम ग्राहकों से ज्यादा रेवेन्यू कमाना चाहती हैं।
इक्रा (ICRA) के एनालिस्ट अंकित जैन ने भी इस बात पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, "टैरिफ प्लान को फिर से एडजस्ट करना एआरपीयू में सुधार का एक तरीका है लेकिन इसका बड़ा असर तभी होगा जब मुख्य टैरिफ बढ़ाए जाएंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादा टैरिफ पर ज्यादा डेटा वाले प्लान्स टेलीकॉम कंपनियों का मुनाफा बढ़ाएंगे।
जानकारों का कहना है कि यह टैरिफ स्ट्रक्चर में बदलाव टैरिफ में अगली बढ़ोतरी के लिए मंच तैयार करेगा। उम्मीद है कि इस बढ़ोतरी में हेडलाइन टैरिफ में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जिसमें वैलिडिटी या डेटा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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ARPU क्या है?
ARPU का मतलब Average Revenue Per User है। यह एक ऐसा स्केल है जो टेलीकॉम या किसी भी सब्सक्रिप्शन-आधारित कंपनी के लिए बहुत जरूरी होता है। यह बताता है कि एक कंपनी अपने हर ग्राहक से औसतन कितना पैसा कमा रही है।
जैसे, अगर एक कंपनी की कुल कमाई एक हजार रुपए है और उसके 100 ग्राहक हैं, तो उसका ARPU 10 रुपए होगा। ARPU को बढ़ाना कंपनियों के लिए बहुत जरूरी होता है, खासकर जब उन्हें नए टेक्नोलॉजी पर भारी निवेश करना होता है।
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