NEW DELHI/SRINAGAR. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को पुंछ में हुए आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए। अब जांच के लिए एनआईए टीम जम्मू पहुंच गई है। आतंकियों ने जिन गोलियां का इस्तेमाल किया, उससे चीन कनेक्शन भी जोड़ा जा रहा है।
J&K | Bomb Disposal Squad and Special Operations Group (SOG) of police at the spot at Bhimber Gali in Poonch where five soldiers lost their lives in a terror attack yesterday.
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/8GRcspjYQN
— ANI (@ANI) April 21, 2023
हमले में इस्तेमाल बुलेट्स क्या चीन में बनी थीं?
बताया जा रहा है कि पुंछ आतंकी हमले में आतंकियों ने चीन में बनी गोलियों का इस्तेमाल किया था। सेना और एनआईए अब इसी चीनी कनेक्शन को भी खंगालने में जुट गई है। आशंका है कि चीन में बनी 7.62mm की गोलियों से इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। फायरिंग में इस्तेमाल की गई चीनी गोलियां स्टील की बनी हुई थीं।
चीन ने बनाईं टाइप 56 अपग्रेडेड गोलियां
एके-47 में इस्तेमाल होने वाली 7.62mm×39mm रूस में बनी थीं। ये गोलियां एके-47 पैटर्न पर बनी राइफल में इस्तेमाल, रूसी एसकेएस के साथ आरपीके लाइट मशीन गन में इस्तेमाल होती थीं। 1956 में चीन ने इन गोलियों को अपग्रेड कर M43 स्टाइल के हिसाब से ढाल लिया। इस गोली को हल्के स्टील कोर से बनाया गया और कॉपर प्लेटेड स्टील जैकेट इस्तेमाल की जाती है।
चीन ने 1956 में ही एके-47 से ही मिलती-जुलती एक असाल्ट राइफल तैयार की, जिसे टाइप 56 कहा जाता है। चीन इस राइफल इस्तेमाल ना कर इसका एक्सपोर्ट ज्यादा करता है। इस गोली को आर्मर्ड व्हीकल (सैन्य गाड़ी) को भेदने के लिए बनाया गया है। किसी भी बख्तरबंद गाड़ी को इस गोली से आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। फिलहाल अमेरिका में इसका इम्पोर्ट बैन है।
ऐसे हुई थी घटना
जम्मू के पुंछ जिले में 20 अप्रैल को आतंकियों ने सेना के वाहन को निशाना बनाकर फायरिंग की और ग्रेनेड दागे। इस हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 जवान लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, हवलदार मनदीप सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह शहीद हो गए। एक घायल जवान का इलाज चल रहा है। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद समर्थित पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। यह संगठन आर्टिकल-370 हटने के बाद चर्चा में आया था।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया था कि आतंकियों ने 20 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे उस वक्त हमला किया, जब सेना का वाहन राजौरी सेक्टर में भिंबर गली और पुंछ के बीच था। भारी बारिश और लो विजिबिलिटी का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने गोलीबारी की। आतंकियों की ओर से किए गए ग्रेनेड हमले से वाहन में आग लग गई। सेना के वाहन में राशन के साथ ही एफओएल (ईंधन, तेल और लुब्रीकेंट) भी था। इसी वजह से आर्मी के वाहन में आग ने भीषण रूप ले लिया।